Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूजीसी की पहल : एक छात्र-एक पेड़

Published

on

लखनऊ,विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,पर्यावरण संरक्ष,नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

Loading

लखनऊ । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नई पहल है ‘एक छात्र-एक पेड़’। यह थीम कोर्स में भी रहेगी। इसके बाद अब पर्यावरण संरक्षण के साथ कालेजों परिसर को हरा-भरा बनाने की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा के छात्रों पर ही होगी। इसके लिए कोई विशेष आयोजन की जरूरत नहीं होगी, बल्कि स्नातक कोर्स के दौरान हर छात्र कम से कम एक पौधा कैम्पस या पास-पड़ोस में जरूर लगाएगा। यूजीसी ने इस बाबत देश के 706 विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। स्नातक के सभी कोर्स में छह माह का ‘कोर माड्यूल सिलेबस ऑन एन्वायरनमेंट स्टडीज’ पढ़ाया जाएगा। इसमें किताबी ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा। कोर्स में थीम भी रहेगी- ‘एक छात्र-एक पेड़’।

दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पहल पर यूजीसी ने पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को उच्च शिक्षा के कोर्स से जोड़ा है। हालांकि पर्यावरण का एक पेपर अभी भी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाता है, लेकिन उसका कोई सिलेबस तय नहीं है। तीन साल में एक बार ही परीक्षा देनी होती, लेकिन इसके तहत छह माह का एक सिलेबस तैयार कराया जाएगा, जिसे स्नातक के हर छात्र को पढ़ाना होगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर सिलेबस तैयार होगा। यह कोर्स केवल विश्वविद्यालय परिसर में ही नहीं संचालित होंगे, बल्कि संबद्ध सभी महाविद्यालयों में भी इनका संचालन किया जाएगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.बी. निमसे के अनुसार, अन्य योजनाओं की तरह पर्यावरण संरक्षण की मुहिम भी कागजों में ही दब कर न रह जाए, इसलिए यूजीसी इसकी मॉनीटरिंग करेगा। देखा जाएगा कि कितने विश्वविद्यालय ने यह कोर्स शुरू किया या नहीं। इसके तहत विशेष पौधरोपण अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें एनएसएस के छात्रों की भी भूमिका रहेगी। इसके तहत पर्यावरण संरक्षण में अहम साबित होने वाले पौधों को ही रोपा जाएगा।

प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

Published

on

Loading

मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

Continue Reading

Trending