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अन्तर्राष्ट्रीय

ईडीएम में भारत कभी पीछे नहीं रहा : मार्कुस शुल्ज़

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नई दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक,अमेरिकन संगीत निर्माता मार्कुस शुल्ज

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नई दिल्ली | बहुत से लोगों को लगता है कि इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक (ईडीएम) भारत में अभी-अभी आया है, लेकिन जर्मन मूल के अमेरिकन संगीत निर्माता मार्कुस शुल्ज का मानना है कि संगीत की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रही विधा ईडीएम के मामले में भारत भी पीछे नहीं है।

ईडीएम के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले शुल्ज ने पिछले सप्ताह भारत का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने आईएएनएस के साथ बातचीत में भारत में संगीत के परिदृश्य पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा से कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। मुझे नहीं लगता कि इस विधा (ईडीएम) में भी वह पीछे है। भारत के साथ खास बात यह है कि अन्य देशों की तरह यहां बहुत अधिक क्लब नहीं हैं। लेकिन जहां तक मेरी जानकारी है, लोग इसे इंटरनेट पर सुन रहे हैं, जो हमेशा सभी के लिए उपलब्ध होता है।”

40 वर्षीय डीजे शुल्स ने इस महीने की शुरुआत में अपने वीएच1 सुपरसोनिक क्लब नाइट्स के लिए मुंबई, हैदराबाद, पुणे तथा दिल्ली में प्रस्तुति दी। उनका कहना है कि वह भारतीय दर्शकों के लिए अपने संगीत को थोड़ा और तेज करना चाहते हैं। बकौल शुल्ज, “भारत में बहुत से लोग हैं, जो संगीत को पसंद करते हैं, इसलिए मैं भारत को कभी संगीत के क्षेत्र में फिसड्डी के रूप में नहीं देखता। मैं जब भी भारत आया, मैंने लोगों को यह संगीत ऑनलाइन सुनते देखा। इसलिए मुझे अपने संगीत के स्तर को थोड़ा ऊपर उठाना पड़ा, ताकि दर्शक इसका आनंद ले सकें।”

मियामी में रहने वाले शुल्ज भारत को सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध मानते हैं। उनका कहना है कि संगीत की दुनिया आजकल युवाओं के हाथ में है, जो नई प्रतिभा और ताजे संगीत को सामने ला रहे हैं। शुल्ज ने माना कि उन्होंने जब सफर की शुरुआत की थी, तो उनमें ‘असुरक्षा’ की भावना थी, लेकिन आज उनका यह संगीत सफर ‘शानदार’ हो चला है और उन्हें वास्तव में यह ‘संतोषप्रद’ लगता है। शुल्ज के पिता भी संगीतकार रहे हैं और संगीत बचपन से ही उनके जीवन का हिस्सा रहा है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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