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प्रादेशिक

मप्र : पहाड़ों पर मिली 15 किलोमीटर लंबी दीवार

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भोपाल,मध्यप्रदेश,रायसेन जिले,जनजातीय संस्कृति,अभिलेखागार विभाग

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भोपाल | मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में पहाड़ों के बीच जनजातीय संस्कृति के प्रमाणों के साथ 15 किलोमीटर लंबी दीवार मिली है। पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने यह खुलासा किया है। पुरातत्व एवं अभिलेखागार विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, हाल ही में किए गए पुरातात्विक सर्वेक्षण में रायसेन जिले के गोरखपुर से भोपाल की ओर बाड़ी गांव तक एक वृहद एवं भव्य दीवार की खोज हुई है, जिस पर पर्वतीय जनजातीय संस्कृति के प्रमाण मिले हैं।

पुरातात्विक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि रायसेन जिले की उदयपुरा एवं बरेली तहसील की 500 से 700 फीट ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं पर जनजातीय संस्कृति के लोग निवास करते थे। पर्वतों (पहाड़ों) के नीचे नौवीं से 12वीं शताब्दी के प्रतिहार एवं परमारकालीन अनेक मंदिर एवं मूर्तियों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि जनजातीय कबीलों ने मजबूत दीवारों से अपने भूखंडों को सुरक्षित कर लिया था। गोरखपुर की ऊंची पहाड़ी से शुरू होने वाली इस दीवार ने पांच-छह किलोमीटर क्षेत्र की पर्वत श्रृंखलाओं को करीब 15 भू-खंडों में बांटा है। 15 किलोमीटर लंबी दीवार में आठ किलोमीटर तक अधिकतम ऊंचाई 16 फीट एवं चौड़ाई 15 फीट है।

इस प्राचीर (दीवार) के माध्यम से सुरक्षित किए गए भू-खंड पर लगभग 20 आवास-गृहों के साक्ष्य मिले हैं। देवरी ग्राम के नजदीक बूदनवाड़ा पर स्थित पर्वत पर यह दीवार समाप्त होती है। गोरखपुर में दीवार के पास मिले पुरावशेषों एवं मोघ बांध के समीप प्राप्त कलावशेषों के आधार पर यह वास्तु 12 सौ वर्ष प्राचीन प्रतीत होती है। गोरखपुर ग्राम रायसेन जिले की तहसील उदयपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-12 पर स्थित है और राजधानी भोपाल से न केवल राष्ट्रीय राजमार्ग बल्कि विंध्याचल पर्वत श्रेणियों से भी जुड़ा है। गोरखपुर सहित पूरे रायसेन जिले पर प्राचीन काल में मौर्य, शुंग, सातवाहन, कुषाण, गुप्त, वर्धन, प्रतिहार एवं परमार वंश का शासन रहा है। मध्यकाल में इस क्षेत्र पर मुस्लिम शासकों तथा बाद में अंग्रेजों का आधिपत्य हो गया था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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