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बिजनेस

जेटली बैंकों को ब्याज दर घटाने के लिए कह सकते हैं

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नई दिल्ली,भारतीय रिजर्व बैंक, गवर्नर रघुराम राजन,निष्पादित परिसंपत्तियां

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नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन से गुरुवार को मुलाकात के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली शुक्रवार को बैंकों के प्रमुखों के साथ होने वाली बैठक में आरबीआई द्वारा पहले दरों में की गई कटौती का लाभ आम ग्राहकों को देने के लिए कह सकते हैं। आरबीआई द्वारा रेपो दर को 7.5 फीसदी से घटाकर 7.25 फीसदी किए जाने के बाद जेटली की राजन के साथ यह पहली मुलाकात थी।

रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक छोटी अवधि के लिए आरबीआई से कर्ज लेते हैं। मुलाकात के बाद राजन ने संवाददाताओं से कहा, “हम इस तरह की बैठक करते रहते हैं। इसमें कुछ विशेष नहीं है। कई मुद्दों पर चर्चा हुई।” उन्होंने कहा, “मौद्रिक नीति के बारे में हमने अपने सभी मुद्दे रखे।” आरबीआई ने इस साल रेपो दर में तीन बार में कुल 0.75 फीसदी कटौती कर दी है, लेकिन वाणिज्यिक बैंकों ने हर बार अपनी ब्याज दरें नहीं घटाई। राजन ने अप्रैल में कहा था कि बैंकों को पिछली कटौती का लाभ ग्राहकों को देना चाहिए और उन्होंने बैंकों के इस दावे को खारिज कर दिया था कि पूंजी की लागत काफी अधिक है।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि शुक्रवार को बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात में जेटली ऋण की स्थिति, जन धन योजना तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में हुई प्रगति का जायजा लेंगे। सूत्र ने कहा कि मंत्री गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) और इसे कम करने के मुद्दे पर भी बात करेंगे। सरकारी बैंकों का एनपीए दिसंबर 2014 तक बढ़कर 2,60,531 करोड़ रुपये हो गया है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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