अन्तर्राष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र दूत ने बुरुं डी संकट में मध्यस्थ की भूमिका छोड़ी
बुजुम्बुरा | संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के राजदूत ने सईद जिनित ने बुरुं डी संकट में अपनी मध्यस्थ की भूमिका छोड़ दी है। उन्होंने विपक्ष द्वारा ‘पक्षपातपूर्ण’ होने का आरोप लगाए जाने के बाद यह फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र निर्वाचक निगरानी मिशन के प्रवक्ता व्लादिमीर मोंटीयरो ने गुरुवार को समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, “जिनित मध्यस्थ की अपनी भूमिका छोड़ रहे हैं, लेकिन ग्रेट लेक क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत की अपनी भूमिका के तहत वह बुरुं डी से जुड़े रहेंगे।”
विपक्ष ने इस संकट पर दोनों पक्षों के साथ वार्ता में जिनित पर सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगाया। मोंटीयरों ने कहा, “जिनित विपक्ष से कोई सलाह नहीं ले रहे। उनके प्रयासों का संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अफ्रीकी संघ, यूरोपीय संघ, पूर्व अफ्रीकी समुदाय और ग्रेट लेक क्षेत्रों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने सराहना की।” यह वार्ता पांच मई को शुरू हुई थी। इस सप्ताह दोबारा राष्ट्रपति चुनाव और प्रदर्शनों का अंत इन दो बड़े मुद्दों के साथ वार्ता शुरू की जाएगी। लेकिन अब विपक्ष ने संयुक्त राष्ट्र के नए मध्यस्थ की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य क्षेत्रीय संगठनों को उम्मीद है कि इस वार्ता से बुरुं डी में उचित, विश्वसनीय और शांतिपूर्ण चुनाव की स्थितियां पैदा हो सकती हैं। 25 अप्रैल से ही बुरुं डी में संकट की स्थिति बनी हुई है। 2005 से देश की सत्ता संभाल रहे कुरुं जिजा द्वारा आगामी चुनावों में तीसरी बार सत्ता संभालने के बयान के बाद स्थिति बिगड़ी है। बुरुं डी नागरिक समाज समूहों के मुताबिक, बुरुं डी की राजधानी बजुम्बुरा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रपति चुनाव जून में होने थे, लेकिन क्षेत्रीय नेताओं के आह्वान के बाद इसे 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन विपक्ष ने चुनाव की नई तारीख से इंकार किया है।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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