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प्रादेशिक

डोर्नियर विमान : परिवार को पायलट के लौटने की आस

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चेन्नई | भारतीय तटरक्षक के आठ जून से लापता डोर्नियर विमान के चालक दल के सदस्यों में से एक के परिजनों को उनके सुरक्षित घर लौटने की आस है। विमान के चालक दल में पायलट उप कमांडेंट विद्यासागर, सह-पायलट उप कमांडेंट सुभाष सुरेश और नेविगेटर/पर्यवेक्षक एम. के. सोनी शामिल थे। सभी की उम्र 30-40 साल के बीच थी।

लापता उप कमांडेंट सुभाष सुरेश के परिवार ने बताया कि किस तरह उनका नाम स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया था। सुभाष की मां पद्मा सुरेश ने आईएएनएस को बताया, “सुभाष के पिता सुरेश को सुभाष चंद्र बोस बहुत पसंद थे, इसलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम उन्हीं के नाम पर रखा।” उन्होंने कहा, “हमें पूरा यकीन है कि वह सुरक्षित घर लौट आएगा। उसके दोस्त दूसरे शहरों से यहां हमें ढ़ाढस बंधाने आए हैं।” पद्मा ने बताया, “सुभाष 2009 में तटरक्षक में भर्ती हुए थे। वह अपने बैच के गोल्डमेडलिस्ट थे।” उन्होंने बताया, “उसे बचपन से ही उड़ना पसंद था। वह पायलट का प्रशिक्षण लेना चाहता था। हम भी इसके लिए तैयार थे। उसने अमेरिका से विमान उड़ाने का प्रशिक्षण लिया था।”

पद्मा ने बताया कि अमेरिका से लौटकर सुभाष देश की सेवा करना चाहते थे। उन्हें खेल में रुचि थी, फिल्में देखना पसंद था और उनके कई दोस्त थे। पद्मा ने कहा कि भारतीय तटरक्षक लापता विमान को ढूंढने की कोशिशों में जुटा है। उन्होंने कहा, “हमें सुभाष के सुरक्षित लौट आने की उम्मीद है। हम रो-धो कर परिवार और आसपास नकारात्मक माहौल नहीं बनाना चाहते। ऐसा नहीं है कि ऐसे हालात में हमें रोना नहीं आता, लेकिन हम अच्छे की उम्मीद कर रहे हैं।” सुभाष की पत्नी दीपा ने ट्विटर पर खाता खोला है और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के नाम संदेश लिखा है, “मेरे पति सुभाष सुरेश सीजी791 के पायलट पिछले आठ दिनों से लापता हैं। आपसे अनुरोध है कि इस पर गौर करें।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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