बिजनेस
कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए 3900 करोड़ रुपये मंजूर
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 3,900 करोड़ रुपये के खर्च के साथ कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को जारी रखने, उन्हें मजबूत करने और नए केंद्र बनाने को मंजूरी दे दी गई। इस योजना के तहत 12वीं पंचवर्षीय योजना (202-17) में 642 मौजूदा केंद्रों को जारी रखा जाएगा और 109 नए केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, योजना में कई नए घटक जोड़े गए, जैसे, कृषि में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, फार्मर फर्स्ट कार्यक्रम, कृषि नवाचार कोष की स्थापना, आपदा प्रबंधन कोष और प्रौद्योगिकी सूचना इकाई। इसमें लघु बीज प्रसंसकरण सुविधाएं, माइक्रो न्यूट्रिएंट एनालिसिस फैसिलिटीज, सौर पैनल, वॉयस केवीके, केवीके नेट और विशिष्ट केवीके भी शामिल हैं।
योजना में पुराने घटकों को जारी रखने का भी प्रावधान है, जिसमें शामिल हैं एकीकृत कृषि प्रणाली, वर्षा जल संभरण संरचना, मृदा एवं जल परीक्षण प्रयोगशालाएं, मिनिमल प्रोसेसिंग फैसिलिटी, 16 नए कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र स्थापित करना, निर्यात प्रणाली पर नेटवर्क परियोजना और न्यू एक्सटेंशन मैथोडोलॉजीज एंड एप्रोच। केवीके जिला स्तर पर ज्ञान और संसाधन केंद्र के रूप में काम करता है और स्थानीय महत्व वाली प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बयान के मुताबिक, केवीके किसानों को प्रासंगिक सलाह देता रहता है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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