उत्तर प्रदेश
व्यापारियों और कारोबारियों के लिए कुबेर का खजाना बन रहा है योगी सरकार का दिव्य और भव्य महाकुम्भ
महाकुम्भ नगर| त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ ने व्यापार और कारोबार पर भी असर दिखाना शुरू कर दिया है। दिव्य और भव्य महाकुम्भ के लोगो और प्रतीक वाले उत्पादों की बाज़ार में बिक्री बढ़ गई है। नए साल के आगमन के पर दिए जाने वाले उपहार और तोहफों के प्रोडक्ट्स पर इसका सबसे अच्छा असर देखने को मिल रहा है।
व्यापार और कारोबार के लिए कुबेर का खजाना बन रहा है दिव्य और भव्य महाकुम्भ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य और भव्य स्वरूप देने में दिन रात लगी है। महाकुम्भ की इस ब्रांडिंग का असर व्यापार और कारोबार पर भी पड़ा है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल ट्रेडर्स के यूपी के अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि सेंटीमेंट हर व्यापार के साथ जुड़ा होता है। अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के समय राम मंदिर और सनातन से जुड़े प्रतीकों वाले उत्पादों की बाज़ार में मांग की बाढ़ सी आ गई थी। प्रयागराज महाकुम्भ को जिस तरह सरकार दिव्य और भव्य स्वरूप देने के साथ उसकी ब्रांडिंग हुई है उसने बाजार में इससे जुड़े उत्पादों की बिक्री में 20 से 25 फीसदी की उछाल आ गई है। व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं। आने वाले वक्त में इसके और बढ़ने का अनुमान है।
नए साल के उपहार के उत्पादों की बिक्री पर पड़ा असर
नए साल में तोहफे और उपहार देने का चलन रहा है। इसमें भी स्टेशनरी से जुड़े उत्पादों की ज्यादा मांग रहती है। प्रयागराज में इन उत्पादों को महाकुम्भ के सेंटीमेंट्स के साथ जोड़कर बाजार में उतारने की कुछ दुकानदारों ने कोशिश की है जिसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं। ज़ीरो रोड इलाके के भगवती पेपर्स ट्रेडिंग के मालिक अरविंद कुमार अग्रवाल का कहना है उन्होंने महाकुम्भ की थीम को लेते हुए स्टेशनरी से जुड़े 14 प्रोडक्ट्स बाजार में उतारे हैं जिनका बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। अरविंद बताते हैं कि उन्होंने नए साल की डायरी, फाइल बॉक्स, नए साल के कैलेंडर , पेन , पेन स्टैंड, की रिंग जैसे उत्पाद में महाकुम्भ के लोगो और प्रतीकों को जोड़ दिया है जिसके बाद उनकी मांग बढ़ गई है। प्रोपराइटर शिवम् अग्रवाल बताते हैं कि उनके यहां प्रयागराज के बाहर के कई शहरों से महाकुम्भ के प्रतीकों वाले उत्पाद की इतनी मांग आ रही है कि वह आर्डर पूरे नहीं कर पा रहे हैं। जूट और कॉटन के बैग्स के थोक विक्रेता जीरो रोड के शिवा इंटरनेशनल के प्रोपराइटर गोपाल पांडे का कहना है कि महाकुम्भ के आयोजन में जिस प्रकार से योगी सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ को अपना एजेंडा बनाया है, उससे जूट और कॉटन के बैग्स की मांग बहुत बढ़ गई। इन बैग्स में भी वह दिव्य और भव्य महाकुम्भ के प्रतीक को प्रिंट कर रहे हैं जिनकी महाकुम्भ क्षेत्र के अंदर और बाहर से अच्छी मांग आ रही है। अभी तक उनके पास 25 हजार से अधिक ऐसे महाकुम्भ के लोगो प्रिंटेड बैग्स की मांग आ चुकी है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
-
नेशनल2 days ago
अवध ओझा ने केजरीवाल को बताया भगवान कृष्ण का अवतार, कहा- समाज के कंस उनके पीछे पड़े हुए हैं
-
नेशनल2 days ago
कैसे एक कांस्टेबल बना करोड़पति, जानें इस काले धन के पीछे का सच
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
अटल जी का जीवन और विचारधारा पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत है: राजनाथ सिंह
-
नेशनल3 days ago
संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज
-
मनोरंजन2 days ago
कुमार विश्वास ने कवि सम्मेलन के दौरान दिया विवादित बयान, अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार पर किया कटाक्ष
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
बस्ती में नाबालिग से बर्बरता, नग्न कर पीटा, पेशाब पिलाते हुए बनाया वीडियो, आहत होकर कर ली आत्महत्या
-
राजनीति1 day ago
फर्जी केस बनाकर मुख्यमंत्री आतिशी को किया जा सकता है गिरफ्तार – पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल
-
नेशनल2 days ago
कर्नाटक की महिला मंत्री से अभद्रता मामले की जांच करेगी सीआईडी