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प्रादेशिक

उप्र : बेतवा में अवैध पुलों पर फिर चला बुलडोजर

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हमीरपुर । उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर और उरई (जालौन) में मौरंग माफियाओं के जरिए बेतवा नदी में बनाए गए अवैध अस्थायी पुलों पर प्रशासन का बुलडोजर दूसरे दिन मंगलवार को भी चला। एसडीएम के नेतृत्व में टीम ने तीन अवैध पुलों को जेसीबी मशीन से तोड़ा और पड़ोसी जनपद उरई में भी बेतवा में बनाए गए एक दर्जन से ज्यादा अस्थायी पुलों को तोड़ा गया। इस कार्रवाई से मौरंग माफियाओं में हड़कंप मचा है।

हमीरपुर व जालौन के खनिज सर्वेयर विजय भूषण तिवारी ने दूरभाष पर बताया कि सरीला क्षेत्र के इछौरा जिटकिरी ग्रामों के पास बेतवा नदी की जलधारा रोकर अवैध रूप से पुल बनाए गए थे। इन पुलों को जिलाधिकारी संध्या तिवारी के कड़े निर्देश के बाद एक अभियान के दौरान तोड़ा गया। टीम में जिला खनिज अधिकारी रामकुमार व सीओ के अलावा भारी पुलिस बल शामिल है। टीम का नेतृत्व एसडीएम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि टीम बेतवा नदी और अन्य नदियों का निरीक्षण कर यह पता कर रही है कि कहीं अवैध अस्थायी पुल बनाकर नदियों की जलधारा तो नहीं रोकी गई है। खनिज सर्वेयर का कहना है कि अभी तक हमीरपुर जिले में आधा दर्जन अवैध पुलों पर बुलडोजर चला है, जबकि पड़ोसी उरई (जालौन) जिले में भी करीब एक दर्जन अवैध अस्थायी पुलों को तोड़ा गया। पुलों को तोड़े जाने से मौरंग खदानों में पानी भर गया है, जिससे मौरंग पट्टेदारों और माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। कदौरा क्षेत्र के एक मौरंग खदान से जुड़े पट्टेदार का कहना है कि अस्थायी पुलों को तोड़े जाने से उनके खदान में नदी का पानी भर गया है।

जिलाधिकारी संध्या ने बताया कि किसी भी नदी की जलधारा को रोकर अस्थायी पुल बनाना अवैधानिक है और ऊपर से निर्देश के बाद टीम को अभियान चलाकर अवैध पुलों को तोड़ने में लगाया गया है। उनका कहना है कि यह अभियान अभी आगे भी चलता रहेगा। गौरतलब है कि काफी समय से मौरंग माफियाओं ने बेतवा नदी की जलधारा रोकर अस्थाई पुल बना दिया था। इस पुल के जरिए मौरंग का परिवहन पड़ोसी जिले जालौन की ओर चल रहा था। पिछले दिनों टीम ने पुलिस बल के साथ रिरुआ बसरिया में जाकर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर तीन पुलों को तोड़ा था। जानकारों की मानें तो किसी भी नदी की जलधारा को रोककर अवैध पुल बनाना और उससे मौरंग का परिवहन कर शासन को करोड़ों रुपये की चपत मौरंग माफिया लगा रहे थे। इस मामले की शिकायतें शासन को मिलती रही हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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