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डिजिटल भारत में उद्योग जगत करेगा 4.5 लाख करोड़ रुपये निवेश

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नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,'डिजिटल भारत सप्ताह,डिजिटल भारत का एक लोगो,वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित

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नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘डिजिटल भारत सप्ताह’ शुरू किया। देश के कारोबारियों ने इस पहल में 4,50,000 करोड़ रुपये (करीब 75 अरब डॉलर) निवेश करने का वादा किया। योजना लांच करते हुए मोदी ने कहा कि उद्योग प्रमुखों ने डिजिटल भारत के लिए 4,50,000 करोड़ रुपये निवेश करने और 18 लाख नए रोजगार का सृजन करने का वादा किया।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर डिजिटल भारत का एक लोगो भी पेश किया। मोदी ने कहा कि भारत के लिए यह कहना ही काफी नहीं है कि यक एक प्राचीन सभ्यता और 1.25 अरब की आबादी वाला देश है। उन्होंने कहा, “इन खासियतों के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी को भी अपनाए जाने की जरूरत है।” उपयोगी प्रौद्योगिकी अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कभी उपग्रह प्रक्षेपित करने के लिए भारत की आलोचना की गई थी। आज उसका लाभ आम आदमी को मिल रहा है। मोदी ने कहा, “इसी प्रकार डिजिटल भारत का लक्ष्य आम आदमी का जीवन स्तर बेहतर करना है।” मोदी ने कहा कि भारत भले ही औद्योगिक क्रांति से चूक गया, लेकिन यह देश सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्रांति से नहीं चूकेगा।

उन्होंने कहा कि डिजाइन इन इंडिया भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना मेक इन इंडिया। इस मौके पर देश के प्रमुख कारोबारियों ने अपने-अपने डिजिटल कार्यक्रमों में भारी-भरकम निवेश करने की घोषणा थी। मौके पर मौजूद उद्योगपतियों में प्रमुख थे रिलायंस समूह के अनिल अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, भारती समूह के सुनील मित्तल और आदित्य बिड़ला समूह के कुमारमंगलम बिड़ला। अन्य प्रमुख कारोबारियों में थे डेल्टा समूह के पिंग चेंग, वेदांता के अनिल अग्रवाल, विप्रो के अजिम प्रेमजी, लावा के हरिओम राय, अयरबस के पीटर गुत्समेडल, हीरो समूह के पवन मुंजाल और निडेक कारपोरेशन के मिकियो कतायामा।

इस योजना के लिए प्रधानमंत्री को एक उच्चाधिकार प्राप्त निगरानी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। योजना के तहत सभी मौजूदा और पहले से जारी ई-प्रशासन योजनाओं का सुधार कर उन्हें डिजिटल भारत के व्यापक सिद्धांत के अनुरूप बनाया जाएगा। डिजटल भारत के बड़े लक्ष्यों में शामिल है 2019 तक सभी पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना, सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा देना और सभी बड़े शहरों में सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करना। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बैंकिंग क्षेत्र भी विशेष तौर पर योजना को अमल में लाया जाएगा।

योजना के तीन वृहत्तर मकसद हैं :

– हर नागरिक के लिए डिजिटल अवसंरचना सुविधा।

– प्रशासन और सेवा की सरल उपलब्धता।

– नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण।

संचार और आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “डिजिटल भारत का मतलब देश में फोन उपभोक्ताओं की संख्या, लैपटॉप या इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या ही नहीं है। आईटी के प्रति देश की सोच सिर्फ आईटी आधारित सेवा नहीं है, बल्कि आईटी आधारित समाज बनाना है।”वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि डिजिटल भारत सप्ताह कई कार्यक्रमों की कड़ी का एक हिस्सा है, जिससे आईटी क्रांति के संदर्भ में देश को एक नई दिशा दी जानी है।

जेटली ने कहा कि अगले सप्ताह कौशल भारत योजना लांच की जाएगी। डिजिटल भारत के साथ कई प्रकार की डिजिटल सुविधाएं भी लांच की गई, जिनमें डिजिटल लॉकर, स्वच्छ भारत मिशन मोबाइल एप, ई-साइन फ्रेमवर्क, ई-अस्पताल, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल, डिजिटाइज इंडिया और भारत नेट प्रमुख हैं।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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