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प्रादेशिक

उप्र : तैयार हो रही शातिरों की कुंडली

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में संभावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शासन स्तर पर कवायद के बीच पुलिस और प्रशासन ने अभी से ऐसे लोगों का चिह्न्ीकरण शुरू कर दिया है, जो चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। इस संबंध में 20 जुलाई को राजधानी में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जगमोहन यादव ने प्रदेश के सभी पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) स्तर के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। सभी आईजी अब अपने जोन के जनपदीय पुलिस अधीक्षकों से बवाल करने वाले लोगों का ब्योरा तलब कर रहे हैं।

डीजीपी जगमोहन राजधानी में आयोजित बैठक में कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा करेंगे।दरअसल, पंचायत चुनाव छोटे मुद्दों पर आधारित होते हैं और इनमें रंजिशन हत्या और दूसरे अपराधों की प्रबल आशंका रहती है, ऐसे में पुलिस के दूरदराज के क्षेत्रों में होने वाले इन चुनावों में कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रख पाना चुनौतीपूर्ण होता है। यही वजह है कि डीजीपी स्तर से इस बारे में पुख्ता तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं और बैठक से पहले सभी आईजी अपने जोन की जानकारी तलब कर रहे हैं।

इन बिंदुओं पर जिलों से मांगी गई जानकारी :

* पिछले चुनाव में व्यवधान करने वाले लोग, पाबंद लोगों की संख्या तथा उनका रिकार्ड।

* ऐसे ग्राम प्रधान या फिर चुनाव लड़ चुके व्यक्ति जिनका आपराधिक रिकार्ड है।

* कुल शस्त्र लाइसेंस धारक व ऐसे लोग जिन पर मारपीट बवाल का मुकदमा दर्ज है।

* रंजिश प्रतिद्वंद्विता के कारण पिछले साल हुईं महत्वपूर्ण आपराधिक घटनाएं।

* जिले के अति संवेदनशील, संवेदनशील और सामान्य ब्लाक मतदान केंद्र व मतदेय स्थलों की संख्या।

* छह माह में रिटायर होने वाले पुलिसकर्मियों को छोड़कर पुलिस बल का ब्योरा।

* जिलों में उन विकासखंडों की जानकारी जो दूसरे जिलों या दूसरे प्रदेश की सीमाओं से जुड़े हैं।

* दूसरे जिलों या प्रदेश की सीमाओं पर लगने वाली चेकपोस्ट या फिर बैरियर की संख्या।

* वाहनों की संख्या, पुलिस के वायरलेस सेट तथा जिला व नगर नियंत्रण कक्ष की स्थिति।

* चुनाव के दौरान पुलिस बल के रहने के लिए आवासों की स्थिति और होमगार्ड, पीआरडी, चौकीदारों की स्थिति।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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