अन्तर्राष्ट्रीय
ओबामा ने कलाम के निधन पर शोक जताया
वाशिंगटन| अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के निधन पर शोक जताया है और कहा है कि वह मजबूत अमेरिका-भारत सबंधों के हिमायती थे और उन्होंने दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को मजबूती देने की दिशा में काम किया था।ओबामा ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “एक वैज्ञानिक और राजनेता कलाम ने बेहद निचले स्तर से शुरुआत की और देश-विदेश में पहचान बनाई।”
ओबामा ने अमेरिका की जनता की ओर से भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कलाम के कार्यकाल के दौरान अमेरिका-भारत के संबंध विकसित और मजबूत हुए हैं।
उन्होंने कहा, “मजबूत अमेरिका-भारत संबंधों के हिमायती कलाम ने हमारे अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने के लिए काम किया। उन्होंने 1962 में अमेरिका की यात्रा के दौरान नासा का भी दौरा किया था।”इस बीच, अमेरिकी मीडिया ने भी भारत में परमाणु कार्यक्रम, अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में कलाम के योगदान पर प्रकाश डाला।
समाचार पत्र ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने अपने शोक संदेश में लिखा कि भारत के परमाणु कार्यक्रम के विकास में कलाम के योगदान ने उन्हें देश की सर्वाधिक लोकप्रिय हस्ती बना दिया।समाचार पत्र ने लिखा, “कलाम ने अपनी जिंदगी के कुछ वर्ष देश से बाहर बिताए, लेकिन वह खुद को एक सच्चा भारतीय कहते थे।”वर्ष 1998 में न्यूयार्क टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, “मैं पूरी तरह स्वदेशी हूं।”
‘टाइम’ पत्रिका ने कलाम को भारत के विख्यात और प्रतिष्ठित रॉकेट वैज्ञानिकों में से एक बताया, जिन्होंने 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की।टाइम ने लिखा है कि कलाम ने उनके साथ एक बार साक्षात्कार में कहा था कि दक्षिण भारत के रामेश्वरम में अपने बचपन के दिनों से ही उन्हें आसमान में उड़ने की जिज्ञासा थी।
समाचार पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने कलाम के बारे में लिखा है कि वह एक वैज्ञानिक थे, जिन्हें देश के सैन्य मिसाइल कार्यक्रम के जनक के रूप में जाना जाता है।फेडरेशन ऑफ इंडिया एसोसिएशन (एफआईए) सहित कई भारतीय-अमेरिकी संगठनों और संस्थानों ने भारत के मिसाइल मैन कलाम के निधन पर शोक जताया है।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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