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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: 14 साल बाद एबीवीपी की वापसी, AISF ने अध्यक्ष पद जीता

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रविवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में संयुक्त सचिव पद जीतकर 14 साल बाद यहां वापसी की है। जवाहरलाल नेहरू विवि छात्रसंघ चुनाव में संयुक्त सचिव का पद एबीवीपी के सौरभ शर्मा ने जीता है।

जवाहरलाल नेहरू विवि छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने जीत हासिल की है। उपाध्यक्ष और महासचिव के पद ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की झोली में गए हैं। ये पद क्रमश: शहला राशिद शोरा और राम नागा ने जीते हैं।

जेएनयू चुनाव के मुख्य निर्वाचन आयुक्त प्रवीण थल्लापेल्ली ने कहा, “चुनाव नतीजे आज (रविवार) सुबह आठ बजे घोषित किए गए। क्योंकि चुनाव के लिए मतपत्र का प्रयोग किया गया था और उनकी गिनती हाथ से हुई है। इसलिए जेएनयू में मतगणना प्रकिया में ज्यादा समय लगा है। विश्वविद्यालय में मतदान प्रतिशत भी अपेक्षाकृत ज्यादा है। एबीवीपी ने करीब 15 साल बाद जेएनयू में वापसी की है।”

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ने 67 वोटों से आइसा से अध्यक्ष पद जीता, जबकि आइसा के उम्मीदवार ने अपने एबीवीपी के प्रतिद्वंद्वी से 234 वोटों से उपाध्यक्ष का पद जीता। आइसा उम्मीदवार ने 213 मतों से एबीवीपी उम्मीदवार को हराकर महासचिव का पद अपने नाम कर लिया, जबकि संयुक्त सचिव के पद पर एबीवीपी ने जीत हासिल की। उसने आइसा उम्मीदवार को 28 वोटों से हराया।

एबीवीपी ने जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में इसके पहले 2001 में जीत हासिल की थी। उस वक्त इसके उम्मीदवार संदीप महापात्रा अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। जेएनयू सूत्रों के अनुसार, आइसा की शहला राशिद जेएनयू के इतिहास में छात्रसंघ चुनाव में जीत हासिल करने वाली पहली कश्मीरी महिला हैं। वह इस साल सर्वाधिक वोट (1,387) पाने वाली उम्मीदवार भी हैं।

शहला ने उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने के बाद कहा, “यह जीत संघर्षो को आगे बढ़ाने का जनादेश है, जिसके लिए जेएनयूएसयू जाना जाता है। हम सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता और शिक्षा के निजीकरण एवं भगवाकरण के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।” जेएनयू में शुक्रवार को हुए छात्रसंघ चुनाव में 53.3 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें पिछले साल की अपेक्षा मामूली गिरावट देखी गई है। पिछले साल 54.58 फीसदी मतदान हुआ था। जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ के केंद्रीय पैनल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए कुल 22 उम्मीदवार मैदान में थे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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