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बिजनेस

कर विवाद सुलझेगा, सुधार पर रहेगा ध्यान : जेटली

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद चिंता के बीच निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार की कोशिश रहेगी कि उसकी आर्थिक बुनियाद मजबूत रहे। इसके लिए जल्द ही सभी कर विवाद सुलझाए जाएंगे, नई दिवालिया संहिता बनाई जाएगी और खरीद कानून में सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में जब वैश्विक बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव आने ही वाला है, हम अपनी आर्थिक बुनियाद मजबूत करने में लगे हुए हैं, ताकि इन बदलावों से निपटने की हमारी क्षमता बढ़े।”

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित भारतीय आर्थिक सम्मेलन में उन्होंने कहा, “बिना निवेश के कोई आर्थिक गतिविधि नहीं हो सकती।” सम्मेलन में कई अन्य मंत्रियों और उद्योग प्रमुखों तथा नीति निर्माताओं ने हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि फेडरल रिजर्व गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा, जिस पर भारत सहित पूरी दुनिया के बाजारों की निगाह है।

यदि फेड ब्याज दर बढ़ाता है, तो यह 2006 के बाद पहली वृद्धि होगी और इससे उभरती अर्थव्यवस्था से बड़े पैमाने पर पैसा निकालकर निवेशक अमेरिका में निवेश करेंगे, क्योंकि वहां निवेश फायदेमंद हो जाएगा। जेटली ने कहा कि व्यापार की सुविधा के घोषित लक्ष्य के साथ अगले कुछ दिनों में सभी कर विवादों को सुलझा लिया जाएगा।

जेटली ने पिछली तिथि के प्रभाव से लगने वाले कर की ओर इशारा करते हुए कहा, “मई 2014 में भाजपा सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से कई कर विवादों को सुलझा लिया गया है।” उन्होंने कहा, “हम अगले कुछ दिनों में बाकी बचे विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि अन्य मुद्दों को न्यायिक प्रक्रिया या कार्यकारी प्रक्रिया के जरिये सुलझाया जा सके।” आर्थिक सुधारों के बारे में उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था पर राजनीतिक कारणों से प्रगति नहीं हो पाई, लेकिन सरकार अन्य कदम उठा रही है, जैसे नई दिवालिया संहिता बना रही है, मध्यस्थता संबंधी नियम बना रही है और सरकारी खरीद नियमों में सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से निवेश में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “विनिर्माण क्षेत्र में और अधिक तेजी लाना भारतीय अर्थव्यवस्था की एक सबसे प्रमुख चुनौती है। हमने तय किया है कि विकास के मौजूदा ढांचा के अंतर्गत हमें सबसे पहले कृषि पर ध्यान देना चाहिए।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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