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बिजनेस

नए गैस मूल्य से उत्खनन हतोत्साहित होगा : एसएंडपी

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नई दिल्ली | नया घरेलू गैस मूल्य तेल उत्खनन और उत्पादन कंपनियों को नया निवेश करने से हतोत्साहित करेगा। यह बात रविवार को अमेरिकी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने कही। नया मूल्य 3.82 डॉलर प्रति यूनिट एक अक्टूबर से छह महीने के लिए लागू है।

एसएंडपी ने एक बयान में कहा, “सरकार की निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने और फार्मूला के आधार पर गैस मूल्य तय कर पारदर्शिता बढ़ाने की योजना अच्छे इरादे से की गई है।’ गत एक साल से कीमत में गिरावट के कारण हालांकि उत्खनन परियोजना की व्यवहार्यता घटी है। वहीँ भारत को उन देशों की तरह गैस मूल्य निर्धारित करना चाहिए, जहां गैस की कमी है, उनकी तरह नहीं, जहां गैस की प्रचुरता है। घरेलू गैस मूल्य गत एक तिमाही में अमेरिका के हेनरी हब, ब्रिटेन के नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट और कनाडा के अल्बर्टा और रूस की कीमतों के भारित औसत के आधार पर तय किया जाता है। एसएंडपी ने कहा कि भारतीय मूल्य इस क्षेत्र के अन्य देशों के मूल्यों से कम है, इससे उत्खनन में पूंजी निवेश हतोत्साहित होगा।

एजेंसी ने कहा, “निजी क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियों द्वारा देश में निवेश काफी कम रहा है और संशोधित मूल्य के कारण पूंजीगत खर्च की उनकी योजना में अनिश्चितता बनी रहेगी।” तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम के वित्त निदेशक ए.के. श्रीनिवासन ने यहां आईएएनएस से कहा कि मूल्य घटाए जाने से ओएनजीसी जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी, जिनका लाभ 1,059 करोड़ रुपये घट जाएगा। नया मूल्य 4.66 डॉलर प्रति यूनिट के ग्रॉस कैलोरिफिक मूल्य आधारित पुराने मूल्य से 18 फीसदी कम है। नेट कैलोरिफिक मूल्य के आधार पर नया मूल्य एक अक्टूबर से 31 मार्च, 2016 तक 4.24 डॉलर प्रति यूनिट होगा, जो अभी 5.18 डॉलर है।

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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