अन्तर्राष्ट्रीय
स्कॉटिश नर्स फिर इबोला से पीड़ित
एडिनबर्ग| स्कॉटलैंड की एक नर्स में एक बार फिर इबोला वायरस पाया गया है। इससे पहले दिसंबर 2014 में वह इबोला वायरस से संक्रमित हुई थी। बीबीसी की रपट के मुताबिक, ग्रेटर ग्लासगो हेल्थ बोर्ड ने इस बात की पुष्टि की है कि पॉलिने कैफर्की में वायरस मौजूद है। लेकिन बोर्ड ने कहा कि यह मूल संक्रमण से बचा रह गया वायरस है। यानी यह छूत से नहीं हुआ है।
39 वर्षीय यह नर्स सिएरा लियोन में इबोला के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के दौरान इस वायरस से संक्रमित हो गई थी। उसे लंदन के रॉयल फ्री अस्पताल में एक अलग इकाई में वापस लाकर भर्ती कराया गया है।
पॉलिने कैफर्की साउथ लंनार्कशायर में कैम्बसलैंग की निवासी है। उसने दिसंबर 2014 में इस वायरस से संक्रमित होने के बाद रॉयल फ्री अस्पताल की एक अलग इकाई में पूरे एक महीने बिताया था।
फिलहाल उनकी हालत के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन सरकारी सूत्रों ने कहा है कि उसे विशेषज्ञ इकाई में स्थानांतरित किया जाना एक अत्यंत एहतियाती प्रक्रिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, (डब्ल्यूएचओ) इबोला का संक्रमण शरीर से निकलने वाले द्रवों के जरिए होता है। यह वायरस सामान्य संपर्क से नहीं फैलता है।
पश्चिम अफ्रीका में इस वायरस के प्रकोप से 11,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मार्च 2014 के बाद से पहली बार पिछले सप्ताह कोई नया मामला सामने नहीं आया।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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