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प्रादेशिक

पुस्तकों के बीच जाकर मन की बुरी भावनाएं दूर हो जाती हैं

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लखनऊ, राजधानी के मोती महल लॉन,व्यंग्य की दिशा और दशा, राष्ट्रीय पुस्तक मेले, लेखकों और पाठकों का समागम

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लखनऊ। राजधानी के मोती महल लॉन में चल रहे तेरहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में आज पाठकों की तादाद काफी बढ़ गई है क्योंकि पाठकों को पता है कि यह पुस्तक मेला कल खत्म हो जाएगा। पुस्तक मेले में आये सभी 65 प्रकाशक आज दिन भर व्यस्त रहे। पाठक भी अपनी मर्जी की किताबें तलाशने में लगे रहे।

इस पुस्तक मेले में साहित्य का अथाह भण्डार नज़र आया। पकिस्तान की दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की मशहूर `किताब डाटर ऑफ़ ईस्ट` का हिन्दी अनुवाद बेनजीर भुट्टो : मेरी आप बीती यहाँ हाथों हाथ ली जा रही है। जसवंत सिंह की पुस्तक जिन्ना : भारत विभाजन के आईने में राजपाल एंड संस के स्टाल पर मौजूद है। पुस्तक मेले में हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला, भगवती शरण मिश्र की देख कबीरा रोया, प्रेमचंद की सेवासदन, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान और सदगति को पढ़ते और खरीदते हुए पाठक नज़र आ रहे हैं। पुस्तक मेले में ग़ालिब, इकबाल, फिराक, साहिर और फैज़ के कलाम भी हैं। यहाँ पर हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, तेलगु, ओडिया, गुजराती, सिंधी,मराठी,डोगरी, तमिल और मलयालम की चुनी हुई कहानियां मौजूद हैं। पुस्तक मेले में मोहन राकेश, गिरिराज किशोर और अमृता प्रीतम की पुस्तकें भी आकर्षण का केन्द्र बनी हैं।

पुस्तक मेले के सांस्कृतिक पंडाल में आज कवियत्री सम्मलेन का आयोजन किया गया। डॉ। अमिता दुबे के संचालन में हुए कवियत्री सम्मलेन का शुभारम्भ करते हुए पुस्तक मेले के आयोजक उमेश ढल ने कहा कि हमारे भीतर की बुरी भावनाएं पुस्तकों के बीच जाकर दूर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले के ज़रिये हम परिवार को बढ़ा रहे हैं। पुस्तक मेले में महिलाओं की भागीदारी भी बराबरी की होती है। महिलाओं का कवियत्री सम्मलेन यही सोचकर शुरू किया गया कि महिलाएं इस मेले को अपना मेला समझें।

कवियत्री सम्मलेन में अलका सक्सेना के कहानी संग्रह कतरा-कतरा ज़िन्दगी का लोकार्पण समारोह भी हुआ। अलका सक्सेना ने अपने संग्रह से एक कहानी का पाठ भी किया। कवियत्री सम्मलेन में सुधा शुक्ला, अमिता दुबे सहित शहर की तमाम कवियत्रियों ने अपनी प्रतिनिधि रचनाएँ पढ़ीं।

सांस्कृतिक पंडाल में आज कार्यक्रम की शुरुआत अजयश्री की पुस्तक शब्द कुछ कहते हैं के लोकार्पण से हुई। आज यहाँ माउंट कार्मल में इंटर में पढ़ने वाली झिलमिल ट्विंकल के उपन्यास व्हेअर अवर डेस्टिनी मीट का लोकार्पण भी हुआ। यह प्यार करने वाली ऐसी लड़की की कहानी है जो अत्याधुनिक समाज में भी लड़की होने की वजह से दिक्क़तें झेलती है। इसका विमोचन वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी, वीरेंद्र यादव, राकेश और एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा ने किया। पुस्तक मेले में ढाई आखर प्रेम का शीर्षक से कवी सम्मलेन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। परस्पर प्रेम और और सौहार्द को समर्पित इस कार्यक्रम को निर्बलों और पिछड़ों को सहायता और संबल प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों की सूची में साहित्य के क्षेत्र से रमन लाल अग्रवाल, व्यापर के क्षेत्र से संजय गुप्ता, चिकित्सा के क्षेत्र से डॉ. नीरज बोरा, प्रिंट मीडिया से अशोक दत्ता, शिक्षा के क्षेत्र से मनमोहन तिवारी, उद्यमी मनीष वर्मा, मीडिया से ए.पी.सिंह, प्रशासन से संजय कुमार यादव, रंगकर्म से केशव पंडित और समाज सेवा से विनय जैन का नाम शामिल किया गया था।

पुस्तक मेले में आज डॉ. ए.के. त्रिपाठी और ए.के. अग्रवाल ने तरह-तरह की बीमारियों और हीमोग्लोबिन कम होने की वजहों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खानपान को किस तरह रखें कि खून में हीमोग्लोबिन कम न होने पाए।

पुस्तक मेले के आयोजक देवराज अरोड़ा और उमेश ढल ने बताया कि पुस्तक मेले में इस बार की सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तक डॉ। योगेश मिश्र की पुस्तक समय से संवाद है। इसे दिल्ली के सामइक प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। उन्होंने बताया कि कल ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध नाटककार गिरीश कर्नाड पूर्वाह्न 11 बजे से 12 बजे तक राजकमल प्रकाशन के स्टाल पर पाठकों से मुलाक़ात करेंगे।

पुस्तक मेले में कल

लक्ष्य साहित्यिक संस्था द्वारा कवि सम्मलेन पूर्वाह्न 11 बजे से 12 बजे तक

रक्तदान शिविर 11 बजे से 2 बजे तक

हमारा लखनऊ पुस्तकमाला के लेखकों द्वारा परिचर्चा और प्रो। हरिशंकर मिश्र का सम्मान दोपहर 2।30 बजे

पुस्तक मेला आयोजकों द्वारा डॉ. गिरीश पाण्डेय, डॉ. हरिओम, सर्वेश अस्थाना, विनोद मिश्र, डॉ. अमिता दुबे और अंकित त्रिपाठी का सम्मान समरोह शाम 4 बजे।

समापन समारोह में जिलाधिकारी राज शेखर का उद्बोधन शाम 6 बजे।

हास्य कवि सम्मलेन शाम 7 बजे

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उत्तर प्रदेश

तांत्रिक की सलाह पर सनकी शख्स ने पत्नी और तीन बच्चों को मार डाला, वारदात को अंजाम देकर हुआ फरार

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक शख्स ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों की गोली मारकर हत्या कार दी। वारदात को अंजाम देने के बाद वो वहां से फरार हो गया। घटना सोमवार रात की बताई जा रही है। सूचना पाकर फॉरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वॉड के साथ भेलूपुर थाने की पुलिस मौके पर है।

भदैनी स्थित पॉवर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता अपनी पत्नी नीतू, बेटी गौरांगी और बेटों नवनेंद्र व सुबेंद्र के साथ रहता था। मंगलवार को पड़ोसियों ने राजेंद्र के घर का दरवाजा खुला नहीं देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची और राजेंद्र के घर गई तो नीतू अपने तीनों बच्चों के साथ खून से लथपथ मृत पड़ी थी। वहीं, राजेंद्र घर से गायब था।

जानकारी के मुताबिक राजेंद्र गुप्ता को किसी ज्योतिषी ने बताया कि आपकी पत्नी आपके कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही है। इसके चलते राजेंद्र दूसरी शादी के लिए भी पत्नी से आए दिन बातचीत करता था।

राजेंद्र गुप्ता की मां वारदात के समय मौके पर थीं। हालांकि वृद्ध होने के कारण चल फिर नहीं पाती हैं। राजेंद्र गुप्ता ने कई किराएदारों को अपने मकान में रखा है। किसी भी किराएदार को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि कब गोली मारी गई। फिलहाल फॉरेंसिक टीम को भी सूचना दी गई है। आरोपी राजेंद्र के मोबाइल को ट्रेस किया जा रहा है। देर रात से अभी तक आरोपी की लोकशन का पता नहीं चल पाया है।

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