अन्तर्राष्ट्रीय
‘सूडान के राष्ट्रपति की मेजबानी न करे भारत’
नैरोबी| अंतर्राष्ट्रीय और अफ्रीकी स्वयंसेवी संस्थाओं ने मंगलवार को भारत से सूडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर की मेजबानी नहीं करने की अपील की है। ह्यूमन राइट्स वाच ने ऐसी 21 संस्थाओं के हवाले से कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) ने बशीर के खिलाफ युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और दारफुर में नरसंहार के मामले में वारंट जारी किया हुआ है।
भारत ने नई दिल्ली में 26 से 29 अक्टूबर के बीच हो रहे भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के लिए अल-बशीर और अन्य अफ्रीकी नेताओं को आमंत्रित किया है।
आईसीसी में नाइजीरियाई गठजोड़ की परिचालन समिति के सदस्य ओबी न्वांकवो ने कहा, “अल-बशीर कानून से भागे हुए एक कथित युद्ध अपराधी हैं। अल-बशीर की मेजबानी से दुनिया में भारत की छवि पर धब्बा लगेगा और यह पीड़ितों का अपमान होगा।”
अल-बशीर के खिलाफ दो वारंट जारी हुए हैं। एक 2009 में जारी हुआ था और दूसरा 2010 में। इनका संबंध दारफुर में विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई में सूडान सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ जाकर आम नागरिकों को योजनाबद्ध तरीके से उत्पीड़ित करने से है।
सूडान सरकार की इस कार्रवाई से लाखों लोगों को विस्थापित होकर चाड और दारफुर के शरणार्थी शिविरों में पनाह लेनी पड़ी थी।
भारत आईसीसी का सदस्य नहीं है। इसलिए वह उस संधि से बंधा नहीं है, जिसके तहत आईसीसी से सहयोग जरूरी होता है। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हर देश से दारफुर मामले में सहयोग की अपील की हुई है।
ह्यूमन राइट्स वाच के सहायक अंतर्राष्ट्रीय न्याय निदेशक एलीज केप्पेलर ने कहा, “कई देश अल-बशीर को बुलाने से बचते हैं। भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए। भारत का कहना है कि वह विश्व मामलों में नेतृत्वकारी भूमिका निभाना चाहता है। ऐसे में यह मौका है कि वह खुद को इतिहास के सही पक्ष के साथ खड़ा करे।”
कई देश ऐसे हैं, जो अल-बशीर को अपने यहां नहीं आने देते। तुर्की, मलेशिया और इंडोनेशिया ऐसे देश हैं, जो भारत की ही तरह आईसीसी के सदस्य नहीं हैं। लेकिन इन्होंने अल-बशीर की यात्रा रद्द कर दी थी।
जून 2015 में अल-बशीर की दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हंगामा हुआ था। वहां की अदालत ने इस यात्रा को रोकने का आदेश दिया था। यह मामला अभी भी वहां की अदालत में चल रहा है।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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