हेल्थ
पिता लेंगे पोषक आहार तो बच्चे रहेंगे स्वस्थ
मेलबर्न| बच्चे के उचित विकास के लिए अब तक केवल मां के खानपान को ही जिम्मेदार माना जाता रहा है, लेकिन एक ताजा शोध के अनुसार बच्चे के स्वास्थ्य पर पिता द्वारा सेवन किए जा रहे आहार का भी असर होता है। इस शोध के अनुसार, गर्भधारण से पहले पिता द्वारा लिया गया आहार आनुवंशिक रूप से बच्चे के विकास पर प्रभाव डालता है।
मेलबर्न की आरएमआईटी यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों के अनुसार, मां के आहार से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव का व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है, लेकिन पिता के आहार से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन पहली बार किया गया है।
मुख्य शोधार्थी एंटोनियो पाओलिनी ने इस शोध के दौरान चूहों पर अध्ययन किया। इसमें से नर चूहों को प्रचूर मात्रा में भोजन दिया गया और उनकी तुलना में दूसरे समूह को 25 प्रतिशत कम कैलोरी वाला आहार दिया।
पाओलिनी ने कहा, “गर्भ में रहने के दौरान भले ही बच्चे से अपने पिता का कोई संपर्क नहीं रहता हो, लेकिन उससे पहले ही स्वाभाविक रूप से संतान में पिता के गुण आ जाते हैं। इस अध्ययन में देखा गया कि सीमित आहार लेने वाले चूहों की संतान का वजन सामान्य था।”
शोध में पाया गया कि चूहे के बच्चों में गुणसूत्रों की कार्यप्रणाली में उनके पिता के अनुभवों के आधार पर भिन्नता रही।
पाओलिनी के अनुसार, “यह निष्कर्ष बताता है कि एक पीढ़ी के खानपान का असर उसकी अगली पीढ़ी को प्रभावित करता है।”
कम कैलोरी नई पीढ़ी में लड़ने की क्षमता तेज करती है, उद्विग्नता कम करती है और परिवेश से सामंजस्य बिठाने में अधिक साहसी बनाती है।
पाओलिनी के अनुसार, “माता-पिता दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी खानपान, शराब और धूम्रपान की आदतों और परिवेश पर विचार करने के बाद ही बच्चे को जन्म देने का फैसला करें, क्योंकि इन सबका उनकी संतान पर सीधा असर पड़ सकता है।”
यह अध्ययन अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान शोध पत्रिका ‘साइकोन्यूरोइंडोक्राइनोलॉजी’ के आगामी अंक में प्रकाशित होने वाला है।
हेल्थ
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
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