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प्रादेशिक

मप्र : उद्योग मंत्री ने विभाग में सुधार की जरूरत स्वीकारी

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भोपाल| मध्य प्रदेश की उद्योग और व्यापार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का मानना है कि राज्य के उद्योग विभाग में सुधार की जरूरत है। इसी क्रम में राज्य में आ रहे निवेशकों की सुविधा के लिए शुरू की गई सिंगल विंडो (एकल खिड़की) प्रणाली में जरूरत के मुताबिक सुधार किया जाएगा। राज्य सरकार के मंत्री इन दिनों अपने एक वर्ष के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश कर रहे हैं, उसी क्रम में मंगलवार को खेल एवं युवक कल्याण, उद्योग एवं व्यापार विभाग की मंत्री के तौर पर यशोधरा राजे सिंधिया ने अपने विभागों की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया।

राज्य में निवेश की स्थिति को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंधिया ने कहा कि इस वर्ष इंदौर में हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में निवेशकों की रुचि का ध्यान रखा गया है, साथ ही उन्हें बेहतर और आसान तरीके से सुविधा मुहैया कराने के लिए एकल खिड़की प्रणाली को अमल में लाया गया है, जिससे निवेशक को सारी सहूलियतें और समस्या का निपटारा एक ही स्थान पर हो सके।

राज्य सरकार के ही कई मंत्रियों द्वारा एकल खिड़की प्रणाली पर सवाल उठाए जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पंजाब सहित कई अन्य राज्यों में यह प्रणाली सफल रही है, लिहाजा इसमें जो भी कमी आएगी उसे दुरुस्त किया जाएगा। सिंधिया ने बताया कि इसी वर्ष अक्टूबर में इंदौर में हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के बाद निवेशकों को किसी तरह की परेशानी न हो और वे जल्दी अपनी परियोजना को जमीन पर उतार सके, इसके लिए प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने माना कि इससे पहले हुई समिट में जो करार हुए थे, उनमें से ज्यादातर जमीन पर नहीं आ पाए हैं। इस बार ऐसा न हो यह उनकी कोशिश है।

सिंधिया ने आगे कहा कि आठ से 10 निवेशक ऐसे हैं, जिन्होंने पूर्व में करार किए थे और अपनी परियोजना को धरातल पर नहीं उतारा है। इन निवेशकों से उनका विभाग लगातार संपर्क कर रहा है और प्रयास किए जा रहे हैं कि वे अपने करार के मुताबिक कार्य करें। यशोधरा ने खेल विभाग द्वारा एक वर्ष में हासिल की गई उपब्धियों का भी ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि राज्य की खेल अकादमियों के 25 खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल किए हैं। इतना ही नहीं उनके कार्यकाल में खेल विभाग में किसी तरह की गफलत नहीं हुई है।

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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