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नेशनल

जलवायु परिवर्तन पर मोदी की किताब

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किताब ‘कन्वीनियंट एक्शन-कंट्यूनिटी फॉर चेंज’ का विमोचन पेरिस में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया, जो जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपटने की कोशिश पर प्रकाश डालती है। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया, “पेरिस में सीओपी-21 शिखर सम्मेलन में मेरी किताब ‘कन्वीनियंट एक्शन-कंट्यूनिटी फॉर चेंज’ का विमोचन हुआ।”

मोदी ने आगे लिखा, “मेरी किताब जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपटने के भारत के प्रयासों और जलवायु न्याय के महत्व पर रोशनी डालती है।”

पुस्तक विमोचन के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और दुनिया के कई अन्य नेता भी मौजूद थे।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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