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आगरा : पक्षी अभयारण्य में प्रदूषण पर समन
आगरा| उत्तर प्रदेश में इलाहबाद उच्च न्यायालय ने आगरा जिले के अधिकारियों को समन भेजा है। समन के जरिए उनसे पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य के समीप चमड़े के जूते बनाने वाले उद्योग चलाए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा है। यह अभयारण्य यमुना नदी के किनारे दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर स्थित है।
उच्च न्यायालय में स्थानीय पर्यावरणविद् देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि जूता उद्योग न केवल मथुरा तेल शोधक कारखाना और विश्व की धरोहर ताजमहल के बीच हरितपट्टी की संवेदनशील पारिस्थितिकी को बर्बाद कर देगा, बल्कि उस इलाके में घोंसला बनाकर रहने वाले प्रवासी पक्षियों को आने से भी रोकेगा।
सूर सरोवर पक्षी विहार (पहले खेताम लेक) अभयारण्य सात वर्ग मील में फैला हुआ है और यह सैकड़ों प्रवासी पक्षियों और जीवों की प्रजातियों का घर है।
पर्यावरणविद् का दावा है कि यह उद्योग भारी मात्रा में कई खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल कर रहा है और चमड़े का कटाव शहर में फैलै प्रदूषण का मुख्य स्रोत है और इसके खिलाफ कई बार प्रदर्शन किया गया है।
भट्टाचार्य ने आईएएनएस को बताया, “इलाहबाद उच्च न्यायालय ने मेरी पीआईएल स्वीकार कर ली है और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, ताज समलंब क्षेत्र प्राधिकरण, आगरा विकास प्राधिकरण, वन्य जीव अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों को नोटिस भी जारी किया है। उन सभी को स्पष्टीकरण के लिए सात दिन का समय दिया गया है।”
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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