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लाइफ स्टाइल

नाइट शिफ्ट के बाद ड्राइविंग से करें परहेज : शोध

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नाइट शिफ्ट के बाद ड्राइविंग से करें परहेज, अमेरिका की शोध पत्रिका प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज

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वाशिंगटन| रात्रि पाली (नाइट शिफ्ट) में काम करना न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि ऐसे लोगों को दुर्घटना से शिकार होने की संभावना भी ज्यादा रहती है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान रात्रि पाली में काम करने वाले 16 लोगों को दो घंटे तक ड्राइविंग करने के लिए कहा। इस परीक्षण के पहले सत्र में प्रतिभागियों ने एक रात पहले 7 घंटे की पर्याप्त नींद ली थी। वहीं दूसरे सत्र में इन्हीं प्रतिभागियों को रात्रि की पाली में काम करने के बाद ड्राइव करने के लिए कहा गया। निष्कर्ष से सामने आया कि 16 प्रतिभागियों में 6 लोगों को रात्रि पाली के बाद ड्राइविंग करते हुए एक से अधिक बार दुर्घटनाओं के खतरे का सामना करना पड़ा। इनमें से 7 प्रतिभागियों को सुरक्षा कारणों से ड्राइविंग के दौरान वाहन रोकना पड़ा।

इसके अलावा जब प्रतिभागियों ने रात को पर्याप्त नींद लेने के बाद ड्राइविंग की तो उन्हें इस दौरान ऐसे किसी भी खतरे का अनुभव नहीं हुआ। अमेरिका की शोध पत्रिका प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार, ” इस शोध में अपर्याप्त नींद से जुड़े नुकसान ड्राइविंग के 15 मिनट में ही सामने आ गए थे।” इस अध्ययन के मुख्य लेखक मिशेल ली ने बताया, “रात्रि पाली का अनुभव रखने वाले लोग भी ड्राइविंग के वक्त दुर्घटनाओं के खतरों से घिरे होते हैं।” इस अध्ययन ने उस सवाल का जवाब दिया है कि रात्रि पाली में काम करने वाले लोग सड़कों पर अक्सर दुर्घटना का शिकार क्यूं होते हैं। शोध के बाद वैज्ञानिकों की सलाह है कि रात्रि पाली वाले लोगों को खुद ड्राइविंग करने के बजाए परिवहन के दूसरे विकल्प लेने चाहिए।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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