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कन्हैया तिहाड़ जेल से रिहा, जेएनयू लौटे

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कन्हैया तिहाड़ जेल से रिहा, जेएनयू लौटे

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कन्हैया तिहाड़ जेल से रिहा, जेएनयू लौटे

नई दिल्ली| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार गुरुवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। उन्हें 20 दिन पहले ‘देशद्रोह’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कन्हैया जब विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे तो वहां उसका छात्रों एवं शिक्षकों ने स्वागत किया। कन्हैया के स्वागत में बड़ी तादाद में छात्र नारेबाजी कर रहे थे और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे। कन्हैया के पहुंचते ही अचानक स्ट्रीट लाइटें बंद हो गईं जिससे वहां अंधेरा छा गया, लेकिन छात्रों ने रोशनी का इंतजाम कर कन्हैया का स्वागत किया।

शोध छात्रा प्रियंका दास ने आईएएनएस से कहा, “कन्हैया के लौट आने से हमलोग खुश हैं लेकिन अभी लड़ाई बाकी है।” इससे छात्रों की भावनाओं को समझा जा सकता है।

उसने कहा, “जब तक अनिर्बान और उमर खालिद छूट कर नहीं आ जाता, तब तक हमलोग शांति और एकता बनाए रखेंगे।”

उमर खालिद और अनिर्बान अभी जेल में हैं।

जेएनयू के असिस्टेंट प्रोफेसर रोहित आजाद ने आईएएनएस से कहा कि आप देख सकते हैं कि कन्हैया के परिसर में लौटने से सभी वर्ग के लोगों में उत्साह में है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले ही कन्हैया को छह माह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।

जेएनयू के दो प्रोफेसर और एक वकील कन्हैया की रिहाई के लिए न्यायालय का आदेश लेकर जेल पहुंचे थे।

कारा उप महानिरीक्षक मुकेश प्रसाद ने आईएएनएस को बताया कि कन्हैया को जेल से शाम करीब 6.30 बजे छोड़ा गया। वह प्रोफेसरों और वकील के साथ गए।

जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के सचिव विक्रमादित्य चौधरी ने मीडिया से कहा कि एसोसिएशन यह मांग दोहराता है कि छेड़छाड़ कर बनाए गए वीडियो के आधार पर लगाए गए देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप तुरंत वापस लिए जाने चाहिए।

अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने आईएएनएस से कहा कि कन्हैया की 10 हजार रुपये की जमानत राशि भर दी गई है।

देशद्रोह के आरोप में 12 फरवरी को कन्हैया की गिरफ्तारी हुई थी। कन्हैया पर आरोप है कि उन्होंने जेएनयू परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए थे। कन्हैया ने इस आरोप से बार-बार इनकार किया है।

उधर, दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में नौ फरवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में हुई देश-विरोधी नारेबाजी और जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार में कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है।

यह रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार के नेतृत्व में तैयार की गई है, जिसे उन्होंने दिल्ली सरकार को सौंप दिया है। उन्होंने आईएनएस से कहा, “मैंने पिछली रात (बुधवार) दिल्ली सरकार को रिपोर्ट सौंप दी।”

उन्होंने कहा कि हैदराबाद की ट्रथ लैब के पास सात वीडियो भेजी गई थीं, जिनमें से तीन में छेड़छाड़ पाई गई। जिन वीडियो में छेड़छाड़ की बात सामने आई, उन्हें संपादित किया गया था और उनमें अलग आवाज डाली गई थी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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