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सुप्रीम कोर्ट ने की ‘योगी के यूपी मॉडल’ की तारीफ

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लखनऊ। योगी सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई पूरी प्रतिबद्धता के साथ जारी रखते हुए विकास और जनकल्‍याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से प्रदेश में लागू किया। उच्‍चतम न्‍यायालय ने भी अपने फैसले में कोविड 19 के कारण दूसरे प्रदेशों से घर वापस आने वाले श्रमिकों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की तारीफ की है। कोर्ट ने संज्ञान लिया कि पोर्टल पर अपलोड डाटा के अनुसार उस दौरान कुल 37,84,255 श्रमिकों की घर वापसी हुई थी। स्किल मैपिंग के बाद अब तक 10,44,710 श्रमिकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत संघटित क्षेत्र में रोजगार दिया जा चुका है। इसके अलावा अधिकांश को रोजगार से जोड़े जाने के कारण दूसरी लहर में सिर्फ चार लाख प्रवासी ही आए। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ते हुए रोजगार के साथ-साथ विकास की कड़‍ियों को जोड़ते हुए प्रदेश सरकार ने न सिर्फ प्रवासी मजदूरों की घर वापसी कराई बल्कि उनके भरण पोषण की व्‍यवस्‍था करते हुए श्रमिकों को सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं के तहत रोजगार भी दिलाया है।

प्रवासी श्रमिकों की परेशानियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दो याचिकाओं को निस्‍तारित करते हुए यूपी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारिफ की। कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार ने श्रमिकों व कामगारों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वालों की भरण-पोषण की व्‍यवस्‍था को सुनिश्‍चित किया। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्‍या में यूपी लौटे श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता दिया गया। उनको राशन किट का वितरण करने का बड़ा काम किया। बता दें क‍ि नीत‍ि आयोग, बाम्‍बे हाईकोर्ट, डब्‍ल्‍यूएचओ के बाद सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की सराहना की है।

दक्षता के अनुसार श्रमिकों को दिया गया रोजगार

प्रदेश सरकार ने जिला मुख्‍यालय पर इनकी स्किल मैपिंग कराई और उनकी दक्षता के अनुसार स्थानीय स्तर पर उनको रोजगार देने का भी भरसक प्रयास किया। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार के इन प्रयासों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बाबत पंजीकरण से लेकर स्किल मैपिंग तक के कार्यो को खुद में बड़ा काम माना है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने अपनी कई योजनाओं से इन श्रमिकों को जोड़ते हुए रोजगार दिया।

पारदर्शिता के लिए बनाया गया पोर्टल

सरकार अपने इन कर्यो के बारे में सुप्रीमकोर्ट में शपथपत्र भी दे चुकी है। यही नहीं पारदर्शिता के लिए http://www.rahat.up.nic.in नाम से एक पोर्टल भी बनवाया था। इसमें वापस आए श्रमिकों और उनके हित में सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों की अपडेट जानकारी थी।
कम्युनिटी किचन की पहल

जरूरतमंद प्रवासी श्रमिकों और अन्य को भूखा न रहना पड़े इसके लिए प्रदेश सरकार ने कम्युनिटी किचन की शुरुआत की जिसका उल्लेख सुप्रीम कोर्ट ने भी किया और अन्य राज्यों को भी यह व्यवस्था चलाने को कहा।

1,51,82,67,000 रुपये 15.18 लाख प्रवासियों को किए गए हस्तांतरित

योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को सभी तरह की सुविधाएं पहुंचाई। जिसके तहत परिवहन निगम की बसों के जरिए लगभग 40 लाख प्रवासी कामगरों व श्रमिकों को उनके गृह जनपदों तक भेजने, चिकित्‍सकीय सुविधाएं उपलब्‍ध कराने व उनको स्‍थानीय स्‍तर पर रोजगार दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर व्‍यवस्‍था की गई। इसके साथ ही प्रवासी श्रमिकों को राशन किट वितरण के साथ ही आर्थिक सहायता देते हुए प्रति श्रमिक एक हजार रुपए की धनराशि भी ऑनलाइन माध्‍यम से दी। इन लाभों में से 20.67 लाख परिवारों ने लाभ उठाया, जिसमें से 16.35 लाख को 15-दिवसीय राशन किट प्रदान किया गया। कुल 1,51,82,67,000 रुपये 15.18 लाख प्रवासियों को हस्तांतरित किए गए हैं। राशन किट के अलावा योगी सरकार ने सामुदायिक रसोई की भी स्थापना की।

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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे

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मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।

बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी  1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।

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