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अजब–गजब : शक्‍ल और आदतों में एक से हैं ये जुड़वा, 12 वीं में नंबर भी मिले तो एक जैसे

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सीता और गीता, जुडवा और जुड़वा–2 के नाम से बनीं मूवीज में आपने जुडवां बहनों और भाइयों को जरूर देखा होगा। जुड़वां दिखने में एक से होते हैं। मूवीज में दिखाया गया है कि एक के साथ जो चीज होती है, वहीं दूसरे के साथ भी होती है। लेकिन मुंबई के रहने वाले जुड़वां भाई रोहन और राहुल चेम्बाकसेरिल ने आईसीएसई बोर्ड की 12 वीं की परीक्षा में एक समान अंक (96.5 प्रतिशत) हासिल कर लोगों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया है।

रोहन और राहुल मुंबई के खार इलाके के जसुदाबेन एमएल स्कूल में पढ़ते हैं। अच्छे अंक आने से खुश दोनों भाई विज्ञान विषय में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

उनकी मां सोनल चेम्बाकसेरिल ने मुंबई से फोन पर ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘दोनों ना सिर्फ एक जैसे हैं बल्कि उनकी आदतें भी एक जैसी हैं। दोनों एक साथ बीमार होते हैं और एक ही समय पर उन्हें भूख भी लगती है लेकिन दोनों के एक जैसे नंबर आने से हम भी हैरान हैं।’

भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) ने पिछले सप्ताह 12 वीं और 10 वीं परीक्षा का परिणाम घोषित किया था। इसमें हर बार तरह एक बार फिर लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ दिया है।

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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