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प्रादेशिक

अमर दुबे की पत्नी की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने की खारिज

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लखनऊ। कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने एक जुलाई को इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। ख़ुशी ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताते हुए अपनी खराब सेहत का हवाला दिया था लेकिन अदालत ने इसे नहीं माना।

कोर्ट ने कहा है कि ख़ुशी अपने बचाव में कोई ठोस दलील पेश नहीं कर सकी हैं इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। साथ ही कोर्ट ने कहा कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या एक जघन्य अपराध था। कोर्ट ने कहा कि बिकरू कांड की घटना समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली है। खुशी को जमानत देना कानून में विश्वास रखने वालों को हिलाकर रख देने जैसा कदम होगा।

बता दें कि कानपुर के बिकरू गांव में पिछले साल 2 जुलाई को गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसमें विकास दुबे के साथ ख़ुशी दुबे का पति अमर दुबे भी शामिल था। दोनों की शादी को कुछ ही दिन हुए थे। पुलिस ने घटना के चंद दिनों के अंदर ही अमर दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।

उत्तराखंड

गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

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हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।

गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।

स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

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