उत्तर प्रदेश
कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न, 2 हजार के करीब रहे नमाजी
वाराणसी। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद में शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से जुमे की नमाज संपन्न हुई। नमाजी ज्ञानवापी से बाहर निकल रहे हैं। ज्ञानवापी में नमाजियों के पुराने रिकॉर्ड टूट गए।आज 2000 के करीब नमाजियों की संख्या रही। नमाज के बाद करीब 45 मिनट तकरीर चली। तकरीर में मुल्क में अमन और भाईचारे का संदेश दिया गया।
वहीं, ज्ञानवापी तहखाने पर आए फैसले पर तकरीर में कोई चर्चा नहीं हुई। तकरीर के दौरान देश के लोकतंत्र पर चर्चा हुई। इशारे में कहा कि देश मे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है।
जुमे की नमाज को लेकर ज्ञानवापी नमाजियों से पूरी तरह फुल हो गई थी। ऐसे में नमाजियों को काशी विश्वनाध धाम के गेट नंबर चार पर रोका गया। पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों से यह बोलकर रोका गया कि अंदर बहुत ज्यादा लोगों की भीड़ हो गई है। लोगों से कहा गया कि शहर के अन्य मस्जिदों में नमाज अदा करें।
ज्ञानवापी में हिंदू पक्ष की ओर से पूजा शुरू होने के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के कारण भारी संख्या में नमाजी ज्ञानवापी पहुंच रहे हैं। वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वॉइंट सेक्रेटरी यासीन ने शांति बनाए रखने की अपील की है। आस-पास के क्षेत्रों में पुलिस ड्रोन से निगरानी कर रही है।
वहीं ज्ञानवापी में पूजा शुरू होने के बाद अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा बनारस बंद का एलान किया गया। बंदी के एलान के बाद नमाज शुरू होने से पहले ही भारी संख्या में नमाजी ज्ञानवापी पहुंचने लगे।
नमाजियों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है। जुमे की नमाज के मद्देनजर प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
नमाज अदा करने जाते वक्त अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी मोहम्मद यासीन ने शांति बनाए रखने को लेकर अपील की है। उन्होंने कहा कि हमें कोई नाराजगी नहीं है। ज्ञानवापी मस्जिद व आस- पास के क्षेत्रों में भारी पुलिसबल तैनात किए गए हैं। ड्रोन से पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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