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प्रादेशिक

अमित शाह ने की योगी सरकार की जमकर तारीफ, बोले- चार वर्षों में खत्म किया माफिया राज

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में यूपी स्‍टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्‍टीट्यूट के शिलान्‍यास के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी को माफिया राज से मुक्ति दिलाने और महिलाओं की सुरक्षा व स्‍वावलंबन पर योगी सरकार की जमकर तारीफ की। अमित शाह ने कहा कि पहले का यूपी मुझे ठीक तरह से याद है। महिलाएं असुरिक्षत थी, दिन दहाड़े गोलियों चलती थी, यूपी में माफियाओं का राज था। आज यूपी में खड़ा हूं तो मुझे गर्व होता है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने यूपी से माफियाराज खत्‍म कर दिया। महिलाएं अकेले बेफिक्र होकर कहीं भी जा सकती है। यूपी अपराधमुक्‍त है। योगी सरकार ने उत्‍तर प्रदेश का आगे ले जाने का काम किया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी भी कई मंचों से योगी सरकार की तारीफ कर चुके हैं।

केन्‍द्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक दिवसीय दौरे पर उत्‍तर प्रदेश में है। रविवार सुबह उन्‍होंने सरोजनीनगर में बन रहे यूपी स्‍टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्‍टीट्यूट के शिलान्‍यास किया। इस दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी उपस्थित रहे। अमित शाह ने कहा कि कोरोना काल के कारण लम्बे समय बाद मैं यूपी आया हूं। उन्‍होंने कहा आजादी मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, इस नारे से अंग्रेजी शासन की नींव हिला देने वाले स्‍व बाल गंगाधर तिलक की आज पुण्‍यतिथि भी है। देश की युवा पी‍ढ़ी को उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश का मान बढ़ाना चाहिए। यूपी 2022 में फिर से भाजपा की सरकार बनने जा रही है। जिनको इस तरह के सपने आ रहे हैं, वह ‘भारत माता की जय’ नारे से स्‍वागत करें।

कोरोना प्रबंधन व वैक्‍सीनेशन में यूपी अव्‍वल

अमित शाह ने कहा कि यूपी में अपराधियों और भ्रष्‍टाचारियों के मन में योगी सरकार का भय है। अपराधी यह तो उत्‍तर प्रदेश छोड़ चुके हैं या फिर जेल की सलाखों के पीछे हैं। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में उत्‍तर प्रदेश तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। कोरोना काल के दौरान बेहतरीन प्रबंधन हो या फिर रोजगार सबमें यूपी अव्‍वल रहा है। वैक्‍सीनेशन में यूपी पूरे देश में सबसे आगे हैं। भारतीय जनता पार्टी देश के विकास के लिए काम करती है। हमने कहा था कि शासन एक जाति के लिए नहीं बल्कि सबके लिए होगा। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जब गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे तो गांधीनगर में राष्‍ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाने का काम किया। उन्‍होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जातियों और परिवार के आधार पर नहीं चलती हैं।

यूपी में आज महिलाएं व जनता सुरक्षित है

कार्यक्रम के दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले उत्‍तर प्रदेश को दंगों का प्रदेश माना जाता था। चारों तरफ माफियाओं का राज था। चार सालों में माफियाओं पर नकेल कसी गई। पुलिसिंग को बेहतर किया गया। चार सालों में पेशेवर माफियाओं और गैंगस्‍टरों की 1584 करोड़ रुपए की सम्‍पत्ति को जब्‍त किया गया। आज यूपी में महिलाएं व जनता आज अपने को सुराक्षित महसूस कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में जो परिवर्तन हुआ है वो किसी से छिपा नहीं है। यूपी के इस परिवर्तन में सबसे अहम रोल गृहमंत्री अमित शाह का है।

50 एकड़ में बन रहा यूपी फॉरेंसिक इंस्‍टीट्यूट

प्रदेश सरकार का आपराधिक मामलों के जल्‍द निस्तारण के लिए सरोजनीनगर में 50 एकड़ की भूमि में यूपी स्‍टेट फॅारेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का निर्माण करा रही है। जो डीएनए के क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाला या सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपने आप में देश में अनूठा संस्थान होगा। यह संस्‍थान प्रदेश के युवाओं को शिक्षा व रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्‍ध कराएगा। इस संस्‍थान में विज्ञान व आईटी वर्ग के छात्र विभिन्‍न विषयों में कोर्स कर सकेंगे। जहां पर विशेषज्ञों द्वारा उनको फारेंसिक साइंस, डीएनएन आदि के बारे में पढ़ाएंगे। 50 एकड़ में बनने वाले यूपी स्‍टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्‍टीट्यूट सबसे खास बात यह है कि यहां पर गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय न्यायालय विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डीएनए की स्थापना की जाएगी। डीएनए के क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाला यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपने आप में देश का सबसे अनूठा संस्थान होगा ।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन

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 महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।

महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।

महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान

महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।

प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम

दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।

महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार

महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।

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