Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

उद्धव ठाकरे के लिए एक और बुरी खबर, अब हाथ से गया संसद वाला दफ्तर

Published

on

Another bad news for Uddhav Thackeray

Loading

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। ठाकरे ने पहले शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ गंवाया। फिर उनके हाथ से महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी का दफ्तर चला गया। अब एक और बुरी खबर है। संसद में शिवसेना के दफ्तर पर भी अब एकनाथ शिंदे गुट का कब्जा हो गया है।

अब हाथ से गया संसद में पार्टी का दफ्तर

लोकसभा सचिवालय ने शिंदे गुट को संसद भवन में स्थित में पार्टी दफ्तर का कब्जा दे दिया है। लोकसभा सचिवालय की तरफ से इसको लेकर आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया कि संसद भवन का कमरा नंबर 128 शिवसेना संसदीय पार्टी को बतौर कार्यालय आवंटित किया जाता है।

विधानसभा दफ्तर से भी गंवाया कब्जा

शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न गंवाने के बाद उद्धव गुट को एक झटका सोमवार को लगा था। दरअसल, विधानसभा में स्थित शिवसेना के दफ्तर को शिंदे गुट के हवाले कर दिया गया। शिंदे गुट के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मिलकर इसकी मांग की थी।

फैसले को SC में चुनौती

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 17 फरवरी को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ देने का फैसला किया था। उद्धव गुट ने आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को रद्द करने की मांग की है।

कल होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। कल बुधवार दोपहर साढ़े 3 बजे सुनवाई होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आज मंगलवार को उद्धव गुट का पक्ष रखते हुए कहा कि अगर आयोग के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो वे सब कुछ बैंक खाते वगैरह अपने कब्जे में ले लेंगे।

Continue Reading

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending