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रिटायरमेंट के बाद आर्मी डॉग के साथ वही होता है, जो एनकाउंटर के वक़्त एक अपराधी के साथ होता है

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नई दिल्ली। पूरी दुनिया में गाय के बाद सबसे ज़्यादा पाला जाने वाला घरेलु जानवर अगर कोई है तो वो है कुत्ता। इसका कारण ये नहीं कि कुत्ते बहुत प्यारे होते हैं या क्यूट होते हैं। बल्कि इसका कारण है कि कुत्ता सबसे समझदार और वफादार जानवर होता है। कुत्ता ही एकमात्र ऐसा जानवर है, जो देश की सुरक्षा के लिए काम करता है। लेकिन सेवानिवृत होने के बाद एक इंसान को तो उम्रभर पेंशन मिलती है, लेकिन कुत्ते को क्या मिलता है। कुत्ते के हिस्से आती है सिर्फ ‘मौत’।

भारतीय सेना के साथ जो कुत्ते देश की सुरक्षा के लिए काम करते हैं, उनको रिटायरमेंट के बाद सेना के ही द्वारा गोली मार दी जाती है। कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद मारे जाने को लेकर एक व्यक्ति ने आरटीआई के जरिए जब जवाब मांगा, तब पता चला कि इसके पीछे कई सुरक्षा कारण हैं। आर्मी का मानना है कि रिटायरमेंट के बाद कुत्ता किसी ऐसे आदमी के हाथ लग सकता है, जिससे देश को खतरा हो क्योंकि आर्मी के लिए काम करने वाले कुत्ते को आर्मी के हर गुप्त स्थान के बारे में पता होता है।

आर्मी ने ये बताया कि जब कुत्ते का स्वास्थ्य सही नहीं होता है तो उसका चेकअप करवाया जाता है। इलाज के दौरान एक महीने तक अगर कुत्ते की हालत में सुधार नहीं होता है तो उसको मार दिया जाता है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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