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नेशनल

बालाकोट में इस तरह जैश चलाता था आतंक की फैक्ट्री, 2 चरणों में होती थी भर्ती!

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नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को एयरस्ट्राइक कर पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के कैंप को पूरी तबाह कर दिया। इस कैंप में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी।

सूत्रों के मुताबकि यहां पर भारत या पीओके से लड़कों को लाया जाता था और उन्हें फिदायीन बनाया जाता था। इस आतंकी ट्रेनिंग में 600 से ज्यादा आतंकी एक साथ 5 से 6 बड़ी बिल्डिंग में रहते थे। इन आतंकियों को मदरसा आयशा सादिक की आड़ में फिदायीन हमले करने की ट्रेनिंग दी जाती थी।

बालाकोट के इस आतंकी कैंप में जैश के मास्टरमाइंड किस तरीके से युवाओं का ब्रेनवाश कर उनको आतंकी ट्रेनिंग में शामिल करते थे उसका पूरा कच्चा चिट्ठा भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास मौजूद है। जानिए कैसे एक आतंकी की भर्ती की जाती थी और उसे फिदायीन हमले के लिए ट्रेनिंग दी जाती थी-

पहला चरण

सबसे पहले आतंकियों को अलमियत के जरिए छांटा जाता था, फिर उनके लिए “इजाजतनामा/तजकियां” तैयार किया जाता था। उसके बाद उस आतंकी को मुजफ्फराबाद के सवाई नाला में मौजूद आतंकी कमांडर की साइन वाली एक चिट्ठी दी जाती थी जिसमे “अल रहमत ट्रस्ट” का स्टैंप लगा होता था। इस स्टैम्प का मतलब होता था कि उस आतंकी की भर्ती जैश के संगठन में हो चुकी है।

दूसरा चरण

मुज्जफराबाद से अल रहमत ट्रस्ट का स्टैम्प लगा हुआ सर्टिफिकेट लेकर नया रिक्रूट पाकिस्तान के बालाकोट स्थित मदरसे में पहुँचता था और लैटर दिखाता था।

उस मदरसे में 600 के आस पास आतंकी रहते थे। साथ ही कैम्प में कई उस्ताद होते थे, जिनको अलग अलग काम दिया गया था। सबसे बड़ी बात ये थी कि कश्मीर से जाने वाले आतंकी को दोयम दर्जे का समझा जाता था। साथ ही तालिबान और अफगानिस्तान से आने वाले आतंकियों को कैम्प में श्रेष्ठ समझा जाता था।

बालाकोट के इस कैम्प में जैश के आतंकियों को तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती थी, जिसको तीन भागों में बांटा गया था।

1   दौर ए ख़ास /एडवांस कॉम्बैट कोर्स

2   दौरा-अल- राद-एडवांस आर्म्ड ट्रेनिंग कोर्स

3   रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम में विभाजित था।

बालाकोट में जैश के आतंकी कैंप में शीशमहल था। शीश महल एक  बेहतरीन और सभी व्यवस्थाओं से पूर्ण जगह थी, जिसमें सामने रिसेप्शन था। उसके बाद लिविंग चेंबर के साथ साथ अलग-अलग बैरक भी बने हुए थे।

इन बैरकों में आतंकियों के लिए खास तरीके की व्यवस्थाएं भी दी गई थी, जिससे कोई भी आतंकी आकर वापस ना लौट सके। आतंकियों के आका आकर नए रिक्रूट का शीशमहल में ब्रेनवाश किया करते थे।

रिपोर्ट-मानसी शुक्ला

उत्तर प्रदेश

दिवाली के महीने में इस जिले में बिकी 250 करोड़ की शराब

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गौतमबुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश का गौतमबुद्ध नगर जिला अक्सर चर्चा में रहता है। चाहे वो सोसाइटीज की समस्या को लेकर हो या विकास की रफ्तार को लेकर हो या फिर त्योहारों पर बिक्री को लेकर। दिवाली का त्योहार बीत गया है। इस बीच, दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में शराब की बिक्री को लेकर जानकारी सामने आई है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल यहां शराब की बिक्री में 25 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। यानी दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले के लोग शराब के नशे में भी खूब झूमे हैं।

दिवाली में पिया 25 करोड़ की शराब

दिवाली के जश्न के बीच गौतमबुद्ध नगर जिले में लोग 25 करोड़ रुपये की शराब गटक गए, जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पूरे अक्टूबर माह में जिले के लोगों ने 250 करोड़ रुपये शराब पर खर्च किए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 204 करोड़ रुपये था।

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