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पंजाब

नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे भगवंत मान, बहिष्कार का किया एलान

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुलकर नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि बजट से साफ हो गया कि पंजाब को कुछ नहीं दिया है। नीति आयोग की बैठक में जाकर क्या फायदा होगा। उनका कहना है कि बहिष्कार का फैसला इंडी गठबंधन का है। सीएम मान ने यह बात वीरवार को जालंधर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही।

भगवंत मान ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित हैं और सिलेक्टिड हैं। तीन बार हारे हुए राज्यपाल पुरोहित मेरी आधी सरकार लेकर घूम रहे हैं। हम सिलेक्टिड हैं और राज्यपाल इलेक्टिड हैं। मान ने कहा कि पंजाब की सरकार चुनी हुई है, इसके 92 विधायक हैं। हमारी सरकार विधायकों व अच्छे लोगों से राय कर यूनिवर्सिटी के वीसी लगाना चाहती है, लेकिन इनको उससे भी ऐतराज है। राष्ट्रपति ने हमारे बिल को वापस भेज दिया है। उस पर हम कानूनी माहिरों से राय कर रहे हैं। लेकिन यह सब उन सरकारों में हो रहा है, जहां पर गैर भाजपा सरकार है।

पंजाब तीन शब्दों से बना है, लेकिन एक बार भी बजट में राज्य का नाम नहीं लिया गया। इससे स्पष्ट हो जाता है कि वहां जाने का कोई फायदा नहीं है। 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक है, जिसमें प्रधानमंत्री ने सारे मुख्यमंत्री बुलाए हैं, उसका हम बायकॉट कर रहे हैं। इनकी नीयत का हमें पता चल गया है। अगर इनकी नीयत अच्छी होती तो 26 जनवरी को हमारी झांकी बाहर न निकालते। हमारे जवान सरहदों पर जान न्योछावर कर रहे हैं और यह आजादी की झांकी से पंजाब को बाहर निकाल रहे हैं।

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पंजाब

जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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