प्रादेशिक
बिहार : शहाबुद्दीन से जेल में मिले मंत्री गफूर
पटना| बिहार के मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक अब्दुल गफूर का सीवान जेल में बंद बाहुबली राजद नेता शहाबुद्दीन से मिलना एक बड़ा मुद्दा बन गया है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंत्री को हटाने की मांग की है, जबकि सत्ताधारी महागठबंधन मंत्री के बचाव में उतर गई है। बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर रविवार को राजद के एक अन्य विधायक के साथ सीवान जेल में शहाबुद्दीन से मिलने पहुंचे थे। जेल सूत्रों के अनुसार, टेबल कुर्सी लगाकर शान से बैठे बाहुबली शहाबुद्दीन ने मंत्री के लिए प्लेट में सजी मिठाइयां मंगवाई और उनसे बातचीत की। इस मामले में सफाई देते हुए गफूर ने कहा, “सर्किट हाउस जेल के पास ही था और शहाबुद्दीन साहब हमारी पार्टी के सांसद रह चुके हैं, इसलिए मैं उनसे भेंट करने चला गया।”
भाजपा ने मांगा इस्तीफा
इधर, इस मुलाकात की खबर मीडिया में आने के बाद मंगलवार को विपक्ष के नेता हमलावर हो गए। भाजपा नेताओं ने कहा कि राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का प्रभाव फिर से बढ़ने लगा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि शहाबुद्दीन का अपना दरबार जेल में फिर सजने लगा है और यही कारण है कि मंत्री अपनी हाजिरी लगाने पहुंचने लगे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि यह तो तय था। अब अगर मंत्री किसी अपराधी से मिलने जेल में जाएगा, तो इससे अपराधियों में कानून का भय कहां से रहेगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है।
इधर, भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंत्री गफूर को मंत्रिमंडल से बर्खासत करने की मांग की है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि इसके बारे में उन्हें बहुत कुछ पता नहीं है, लेकिन ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि जो लोग मिलने गए हैं, वही बताएंगे। इधर, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भाजपा द्वारा मंत्री को हटाने की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा के पास अब कोई काम नहीं है, इसलिए ऐसे बेतुके सवाल उठा रही है। उन्होंने मंत्री का बचाव करते हुए अपने अंदाज में कहा, “इसमें क्या अपराध है, मंत्री मिले तो उन्हें खिला रहा होगा।” उल्लेखनीय है कि शहाबुद्दीन हत्या सहित कई मामले में जेल में बंद हैं।
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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