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BMC ने किया सलमान के ‘BEING HUMAN’ को ब्लैकलिस्टेड! बताई ऐसी वजह कि…..

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नई दिल्ली। बॉलीवुड के दबंग ‘सलमान खान’ वैसे तो कितने दिलदार है। ये तो हर कोई जानता है। इतना ही नहीं बल्कि सलमान की तो संस्था ‘बीइंग ह्यूमन’ भी लोगों की भलाई के लिए काम कर रहा है लेकिन, अब शायद सलमान इस संस्था द्वारा दूसरों की भलाई नहीं कर पाएंगे। जी हां। दरअसल, BMC(बृहनमुंबई महानगर पालिका) ने सलमान की संस्था को ब्लैकलिस्ट में शामिल करने का फैसला कर लिया है। बीएमसी के अनुसार, सलमान की ‘बीइंग ह्यूमन’ संस्था ने उन कामों को अबतक पूरा नहीं किया जो उन्हें सौंपे गए थे।

Image result for SALMAN KHAN BMCखबरों के मुताबिक, सलमान की ‘बीइंग ह्यूमन’ संस्था के खिलाफ बीएमसी इसलिए कार्यवाई कर रही है। क्योकि दो साल पहले मुंबई मनपा ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में 12 डायलिसिस सेंटर खोलने का फैसला किया था जिसमे से सलमान के एनजीओ को पाली हिल में 24 डायलिसिस मशीन लगानी थी। संस्था को बैंक गारंटी के साथ सारी परमिशन भी दी गई लेकिन वो प्रोजेक्ट शुरू ही नहीं हुआ।

Image result for SALMAN KHAN BMCबता दें कि, सलमान ‘बीइंग ह्यूमन’ संस्था के जरिये चैरिटी भी करते हैं और उन्होंने देश के कई जगहों पर छोटे-छोटे स्टोर भी खोल रखे हैं। रिपोर्ट्स की माने तो बीएमसी द्वारा सलमान की संस्था का डिपोजिट जब्त किए जाने की बात भी चल रही है।

Image result for SALMAN KHAN BMCहालांकि ‘बीइंग ह्यूमन’ संस्था की तरफ से ये बयान आया है कि कोई भी काम शुरू करने से पहले उन्हें कई तरह के करार साइन करने पड़ते हैं जिस पर काम चल रहा था। किन्ही वजह से देरी हो गई। प्रतिनिधि ने ये भी बताया कि बीएमसी के साथ संस्था ने किसी तरह का कोई कांट्रेक्ट या एमओयू साइन नहीं किया है।

 

 

 

 

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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