ऑफ़बीट
कारगिल विजय दिवस: आज कहानी उस परमवीर कैप्टन की जिसने मौत को मारने की कसम खाई थी
लखनऊ। 26 जुलाई यानी कारगिल विजय दिवस आते ही हर तरफ कारगिल विजय गाथाएं गूंजने लगती है, शहीद जवानों के किस्से आपको गौरवान्वित करने लगते हैं। कारगिल युद्ध, जो कारगिल संघर्ष के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1999 में मई के महीने में कश्मीर के कारगिल जिले से शुरू हुआ था। इस युद्ध में 500 से अधिक वीर सपूत शहीद हो गए थे। ‘आज की खबर’ उन सभी वीर सपूतों की शहादत को सलाम करता है। इन्ही वीर सपूतों में से एक थे शहीद कैप्टन मनोज कुमार पांडेय।
मनोज पांडेय ने युद्ध के मैदान में अपनी वीरता का ऐसा लोहा मनवाया कि जिसे दुश्मन भी सलाम करता है। शहीद कैप्टन मनोज कुमार पांडेय कितने वीर थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक बार कहा था कि ‘यदि मेरे फर्ज की राह में मौत भी रोड़ा बनी तो मैं कसम खाता हूं कि मैं मौत को भी मार दूंगा।’ वहीँ एनडीए में दाखिले के लिए मनोज पांडेय ने इंटरव्यू के दौरान पूछे गए सवाल का ऐसा जवाब दिया कि इंटरव्यू लेने वाला भी हैरान रह गया। मनोज से सवाल पूछा गया, ‘आर्मी क्यों जॉइन करना चाहते हो?’ मनोज ने जो जवाब दिया उसे सुनकर वहां मौजूद हर शख्स चौंक गया। मनोज ने कहा था, ‘मुझे परमवीर चक्र चारिए।’ इसके बाद मनोज को एनडीए में दाखिला मिल गया।
मनोज पांडेय ने इस तरह कारगिल युद्ध में मनवाया अपनी बहादुरी का लोहा
मई 1999, कारगिल की जंग की तैयारी शुरू हो गई थी। इसी जंग के बाद कैप्टन मनोज पांडेय को ‘परमवीर’ मनोज पांडेय के रूप में जाना जाता था। कैप्टन मनोज के साथ थे गोरखा राईफल्स के बहादुर सिपाही। पूरे करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन मनोज पांडेय को कई मिशनों में लगाया गया और वह हर मिशन को कामयाबी से पूरा करते चले गए। इसके साथ ही धीरे-धीरे मनोज पांडेय के कदम वीर से ‘परमवीर’ बनने की ओर बढ़ रहे थे।
3 जुलाई 1999 को मनोज पांडेय को खालुबर हिल से दुश्मनों को खदेड़ने का टास्क मिला। इस ऑपरेशन के साथ सबसे बड़ी कठिनाई यह थी कि इसे सिर्फ रात को अंजाम दिया जा सकता था। मनोज ने यह चुनौती स्वीकार की और अपनी पूरी पलटन के साथ आगे बढ़े। कैप्टन मनोज एक-एक कर दुश्मनों के सारे बंकर खाली करते जा रहे थे। पहले बंकर पर हुई आमने-सामने की लड़ाई में मनोज ने दो पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। दूसरे बंकर पर भी मनोज ने दो पाकिस्तानियों को खत्म कर दिया, लेकिन तीसरे बंकर की ओर बढ़ते हुए, मनोज को कंधे और पैर में 2 गोलियां लग गईं।
मनोज ने बुरी तरह घायल होने के बावजूद हार नहीं मानी और अपनी पलटन को लिए आगे बढ़ते रहे। इस वीर ने चौथे और अंतिम बंकर पर भी फतह हासिल की और तिरंगा लहरा दिया। लेकिन यहीं पर मनोज की सांसों की डोर टूट गई। गोलियां लगने से जख्मी हुए कैप्टन मनोज पांडेय शहीद हो गए। लेकिन जाते-जाते मनोज ने नेपाली भाषा में आखिरी शब्द कहे थे, ‘ना छोड़नु’, जिसका मतलब होता है किसी को भी छोड़ना नहीं। बाद में भारत सरकार ने मैदान-ए-जंग में मनोज की बहादुरी के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया।
ऑफ़बीट
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.
लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.
महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’
राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”
-
मनोरंजन2 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल3 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट2 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
ऑफ़बीट1 day ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
-
छत्तीसगढ़3 days ago
सीएम विष्णुदेव साय ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, पत्नी भी थीं साथ
-
Success Story2 days ago
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत