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बिजनेस

शेयर बाजार : आर्थिक आंकड़ें तय करेंगे बाजार की चाल

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शेयर बाजार, आर्थिक आंकड़ें, एशियाई शेयर बाजार, इंफोसिस

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मुंबई| देश के शेयर बाजार में अगले सप्ताह आर्थिक आंकड़ों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर निवेशकों की नजर रहेगी। अगले सप्ताह अमेरिकी गैर कृषि वेतन के जून 2016 के आंकड़ें जारी होने का प्रभाव भारत सहित एशियाई शेयर बाजार पर पड़ सकता है।

शेयर बाजार में इसी सप्ताह सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंफोसिस 2016 की पहली तिमाही के नतीजे जारी करेगी। इंडसलैंड बैंक वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे सोमवार 11 जुलाई 2016 को जारी करेगी, जिस पर निवेशकों की नजर रहेगी।

निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलएंडटी पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। कंपनी का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश) अगले सप्ताह आने वाला है। इस आईपीओ का कीमत 705-710 रुपये प्रति शेयर निर्धारित की गई है। यह सोमवार 11 जुलाई 2016 को खुलेगा और बुधवार 13 जुलाई 2016 को बंद हो जाएगा।

अगले सप्ताह सरकारी तेल कंपनियां भी तेल की कीमतों की समीक्षा भी की जाएगी। जिसके कारण सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के शेयरों पर नजर रहेगी। ये कंपनियां महीने में दो बार कीमतों की समीक्षा करती हैं, जो तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत और रुपये की चाल के आधार पर तय की जाती है। पहली समीक्षा माह के बीच में होगी और दूसरी समीक्षा महीने के अंत में होगी।

जहां तक व्यापक आर्थिक आकंड़ों का सवाल है तो सरकार मंगलवार 12 जुलाई 2016 को बाजार बंद होने के बाद औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ें जारी करेगी। भारत का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अप्रैल 2016 में 0.8 फीसदी रही थी।

उसी दिन सरकार मुद्रास्फीति आधारित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के जून 2016 के आंकड़े भी जारी करेगी। मई 2016 में सीपीआई की दर 21 महीनों के सबसे उच्च स्तर पर 5.76 फीसदी रही थी, जो कि लगातार दूसरे महीने रिकार्ड बढ़ोतरी है।

वहीं, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के जून 2016 के आंकड़े सरकार शेयर बाजार में गुरुवार 14 जुलाई 2016 को जारी करेगी। मई 2016 में डब्ल्यूपीआई में 0.79 फीसदी की बढो़तरी हुई थी, जबकि अप्रैल में इसमें 0.34 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी।

वहीं, वैश्विक मोर्चे पर बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना है, जब गुरुवार 14 जुलाई 2016 को इसकी बैठक होगी। हालांकि इसकी दरें पहले ही रिकार्ड कम दर 0.5 फीसदी पर है।

वहीं, चीन के औद्योगिक उत्पादन के जून 2016 के आंकड़े शुक्रवार 15 जुलाई 2016 को जारी किए जाएंगे। इसी दिन अमेरिका के औद्योगिक उत्पादन के मई 2016 के आंकड़े भी जारी किए जाएंगे।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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