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तेलंगाना से लड़ सकती हैं प्रियंका गांधी? दीपादास मुंशी की नियुक्ति में छिपा है जवाब
हैदराबाद। 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने नागपुर की रैली से अपने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। नए साल पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर से अपने भारत न्याय यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसको लेकर पूर्वोत्तर में पार्टी ने तैयारियों को तेज कर दिया है।
इस सबके बीच कांग्रेस में प्रियंका गांधी को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है कि 2024 के चुनावों में उनकी क्या भूमिका होगी? हाल ही में उन्हें उप्र के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है।
इसके बाद अटकलें लग रही है कि वे 2024 दंगल में उतर सकती हैं। वे कहां से चुनाव लड़ेंगी? इसके लेकर चर्चा है कि ‘दीदी’ तेलंगाना से ताल ठोंक सकती है। प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी को लेकर चर्चाएं इसलिए भी हैं क्योंकि उनको वाराणसी से लड़ाने की मांग भी सामने आ चुकी है।
तेलंगाना से क्यों हैं अटकलें?
प्रियंका गांधी को लेकर यह चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि अगले चुनावों में सोनिया गांधी के लड़ने के कम आसार हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली से कौन लड़ेगा? इसको लेकर कयासबाजी के दौर जारी है। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि अगर प्रियंका गांधी उप्र से नहीं लड़ती हैं तो तो वह तेलंगाना से लड़ सकती हैं।
कांग्रेस के अंदर भी इसकी चर्चा है कि ‘दीदी’ के तेलंगाना से चुनाव लड़ने के ज्यादा चांस हैं। तेलंगाना का प्रभार भी ‘दीदी’ की बेहद भरोसेमंद दीपा दासमुंशी को दिया गया है। इतना ही नहीं तेलंगाना में भी वह वहां के मुख्यमंत्री रेवंड रेड्डी की सीट से भी उतर सकती है।
ऐसे में न सिर्फ कांग्रेस को दक्षिण में फायदा मिलेगा बल्कि प्रियंका गांधी का सुरक्षित लोकसभा डेब्यू हो जाएगा। दूसरी चर्चा यह है कि प्रियंका गांधी दो सीटों से भी लड़ सकती हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड से लड़ने की पूरी संभावना है।
तेलंगाना सबसे मजबूत गढ़
पूरे देश में अभी कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा अच्छी स्थिति तेलंगाना में है। लोकसभा चुनावों से पहले हुए सर्वे और ओपिनियन पोल में कांग्रेस को तेलंगाना में फायदा होने और 17 में से करीब 11 सीटें हासिल करते हुए दिखाया गया है। देश के सबसे युवा राज्य में कांग्रेस पहली बार सत्ता में आई है। ऐसे में वहां पर कांग्रेस के पक्ष अच्छा माहौल है। कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता जरूर है लेकिन यहां पर बीजेपी अपनी पकड़ बनाए हुए है।
कौन हैं दीपादास मुंशी?
दीपादास मुंशी कांग्रेस के दिग्गज के दिवंगत नेता प्रिय रंजन दास मुंशी की पत्नी हैं। वे 15वीं लोकसभा के चुनी जा चुकी हैं। वे यूपीए-2 सरकार में शहरी विकास राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। मूलरूप से पश्चिम बंगाल से आने वाली दीपादास मुंशी का जन्म 15 जुलाई 1960 को कोलकाता में हुआ था।
उनको कांग्रेस आलाकमान ने 23 दिसंबर, 2023 को तेलंगाना का इंचार्ज बनाया है। दीपा दास मुंशी तेलंगाना के साथ केरल और लक्ष्यदीप का प्रभारी बनाई गई हैं। इससे पहले केरल का प्रभार तारिक अनवर के पास था।
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आप की चेतावनी- 24 घंटे के अंदर अजय माकन पर कार्रवाई करे कांग्रेस, केजरीवाल को बताया था राष्ट्र विरोधी
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री आतिशी, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर कड़ी नाराजगी जताई। केजरीवाल ने कांग्रेस नेता अजय माकन के आप पर सीधे हमलों को अस्वीकार्य करार दिया और गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर पुनर्विचार की चेतावनी दी।
वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि कांग्रेस के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली चुनाव के लिए कांग्रेस ने भाजपा के साथ समझौता कर लिया है। कल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल देशद्रोही हैं। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि क्या उन्होंने कभी किसी भाजपा नेता पर यही आरोप लगाए हैं? नहीं। लेकिन आज कांग्रेस अरविंद केजरीवाल पर देशद्रोही होने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने कल मेरे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। क्यों? क्या कांग्रेस ने कभी किसी भाजपा नेता के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज कराई है?
सीएम आतिशी ने कहा, ‘हमें विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि कांग्रेस उम्मीदवारों का चुनावी खर्च भाजपा से आ रहा है। भाजपा कांग्रेस उम्मीदवारों को फंड दे रही है। हमने सुना है कि संदीप दीक्षित को भाजपा से फंड मिल रहा है। अगर कांग्रेस को लगता है कि हम (आम आदमी पार्टी) देशद्रोही हैं, तो उन्होंने हमारे साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव क्यों लड़ा? यह स्पष्ट है कि कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के साथ आप को हराने और दिल्ली में भाजपा को जिताने के लिए कुछ आपसी समझौता किया है। अगर कांग्रेस और भाजपा के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है, तो उन्हें 24 घंटे के भीतर अजय माकन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।’
वहीं आप नेता संजय सिंह ने कांग्रेस के रवैये पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि कांग्रेस की हरकतें आगामी चुनावों में आप को कमजोर करने की कोशिश हैं। सिंह ने अजय माकन द्वारा अरविंद केजरीवाल को राष्ट्र-विरोधी कहे जाने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कांग्रेस से 24 घंटे के भीतर माकन पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कांग्रेस पर भाजपा के साथ मिलकर आप के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस की उम्मीदवार सूची भाजपा के इशारों पर तैयार की गई है।
दिल्ली कांग्रेस ने आप पर झूठे वादों के सहारे जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल की स्थापना सहित अपने वादे पूरे करने में विफल रही है। माकन ने आप पर प्रदूषण और नागरिक सुविधाओं के कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए इसे फर्जीवाल सरकार करार दिया। कांग्रेस के श्वेत पत्र में आप और भाजपा दोनों पर राजधानी में प्रशासनिक असफलताओं का आरोप लगाया गया है। माकन ने कहा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार के अधूरे वादों और फर्जी दावों से थक चुकी है।
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