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नेशनल

मणिपुर हिंसा पर एक्शन में CBI, अपने हाथ में लेगी 9 और मामलों की जांच

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CBI in action on Manipur violence

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नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा से जुड़े नौ और मामलों की जांच सीबीआई करेगी, जिससे एजेंसी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों की कुल संख्या 17 हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई मणिपुर हिंसा से संबंधित नौ और मामलों की जांच करने के लिए तैयार है।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी की जांच इन 17 मामलों तक सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध या यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी अन्य मामले को भी प्राथमिकता के आधार पर भेजा जा सकता है।

CBI ने अबतक दर्ज किए आठ मामले

बता दें कि सीबीआई ने अब तक आठ मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मणिपुर में महिलाओं पर कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित दो मामले शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई नौ और मामलों को संभालेगा। अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी राज्य के चुराचांदपुर जिले में कथित यौन उत्पीड़न के एक और मामले को अपने हाथ में ले सकती है।

सीबीआई को करना पड़ रहा कई चुनौतियों का सामना

अधिकारियों ने कहा कि समाज जातीय आधार पर बंटा हुआ है, ऐसे में सीबीआई को मणिपुर ऑपरेशन के दौरान पक्षपात के आरोपों से बचने की महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि एक समुदाय के लोगों की किसी भी संलिप्तता के परिणामस्वरूप दूसरी तरफ से उंगलियां उठाई जाएंगी।

कई मामलों की जांच कर रही है सीबीआई

सूत्रों ने कहा कि इनमें से कई मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, जिन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधान लागू हो सकते हैं, जिनकी जांच पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चूंकि डिप्टी एसपी ऐसे मामलों में पर्यवेक्षी अधिकारी नहीं हो सकते हैं, इसलिए एजेंसी जांच की देखरेख और निगरानी के लिए अपने पुलिस अधीक्षकों को तैनात करेगी।

महिला अधिकारियों को भी किया तैनात

उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी सभी फोरेंसिक नमूनों को अपने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में स्थानांतरित करेगी। क्योंकि इसकी जांच की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की जांच के लिए राज्य में महिला अधिकारियों को भी तैनात किया है।

3 मई को भड़की थी जातीय हिंसा

बता दें कि मणिपुर में बीते 3 मई को पहली बार जातीय हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ लोग घायल भी हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, वह 40 प्रतिशत हैं और यह समुदाय ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

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डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

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