उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी ने श्रीराम चरण पादुका की पूजा कर रथ को किया रवाना
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को श्रीराम चरण पादुका पूजन कार्यक्रम (Shri Ram Charan Paduka Worship Program) में शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह एवं साधु संत मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान से श्रीराम चरण पादुका की पूजा अर्चना कर श्री राम कर्मभूमि यात्रा का शुभारंभ किया। उन्होंने गंगा जल से आचमन और श्रीराम चरण पादुका पर पुष्प अर्पित कर भगवान श्रीराम से लोक कल्याण की मंगलकामना की।
साधु संतों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने विधि विधान से की पूजा अर्चना
श्री राम कर्मभूमि यात्रा अयोध्या से बक्सर होते हुए जनकपुर तक जाएगी। उनके साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी विधि विधान से श्रीराम चरण पादुका की पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के बाद उन्होंने नारियल फोड़कर श्रीराम चरण पादुका रथ को रवाना किया। इससे पहले साधु संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगवान श्रीराम पर आधारित पुस्तक और गंगा जल भेंट किया।
Shri Ram Charan Paduka Worship Program,
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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