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अन्तर्राष्ट्रीय

आग के खतरे के चलते चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान पर रोक, भारत ने जताई चिंता

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वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिकी सेना ने अपने चिनूक हेलीकॉप्टरों के बेड़े की उड़ानों पर रोक लगा दी है। चिनूक हेलीकॉप्टर 1960 के दशक से युद्ध के मैदान में काम करने वाले चॉपर हैं। वॉल स्ट्रीज जर्नल के हवाले से ये कहा गया कि इंजन में आग लगने के खतरे को देखते हुए अमेरिकी सेना ने यह आदेश जारी किए।

इस मामले पर भारत ने चिंता जताई है और पूरी रिपोर्ट की डिटेल मांगी है। भारत को फरवरी 2019 में चिनूक हेलीकॉप्टरों का पहली खेप मिली थी। बोइंग ने 2020 में भारतीय वायु सेना को 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी की।

भारत के पास करीब 15 सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर हैं। पिछले कुछ वर्षों में, वे लद्दाख और सियाचिन ग्लेशियरों जैसे स्थानों में तैनात हैं। इन क्षेत्रों में तैनात भारतीय सुरक्षाबलों की सहायता के लिए एयरलिफ्ट ऑपरेशन के लिए प्रमुख सैन्य उपकरणों में से एक हैं। भारत को फरवरी 2019 में चिनूक हेलीकॉप्टरों का पहली खेप मिली थी। बोइंग ने 2020 में भारतीय वायु सेना को 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी की।

अधिकारियों को थी जानकारी

अधिकारियों ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि अमेरिकी सेना को हेलीकॉप्टरों के इंजन में आग की एक छोटी घटना के बारे में पहले से जानकारी थी और इन घटनाओं के परिणामस्वरूप कभी कोई जवान घायल नहीं हुआ या ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ जिसमें किसी जवान की मौत हुई हो।

सावधानी की वजह से बाहर किए गए सैकड़ों हेलीकॉप्टर

अधिकारियों ने कहा कि हाल के दिनों में आग लगी है। अमेरिकी सेना मटेरियल कमांड ने सैकड़ों हेलीकॉप्टरों के बेड़े को सावधानीवश बाहर कर दिया। हालांकि, अधिकारी 70 से अधिक ऐसे विमानों की तलाश कर रहे थे, जिनमें एक ऐसा हिस्सा ऐसा था जो इस समस्या से जुड़ा हुआ था।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारी-भरकम चिनूक हेलीकॉप्टरों की ग्राउंडिंग अमेरिकी सैनिकों के लिए लॉजिस्टिक चुनौतियों का सामना कर सकती हैं। अमेरिकी सेना के बेड़े में ऐसे करीब 400 हेलीकॉप्टर हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इनका ऑर्डर कितने समय तक चलता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को दुनिया भर के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, जानिए किसने क्या कहा

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) लाया गया था। वे घर पर बेहोश हो गए थे। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थे। इस खबर से भारत समेत पूरी दुनियाभर में शोक की लहर देखी जा रही है, जिसको लेकर दुनियाभर के कई नेताओं ने पूर्व पीएम के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए शोक जताया है। आईए जानते है कि किसने क्या कहा।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति करजई ने जताया शोक

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने एक पोस्ट में कहा कि भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है। उन्होंने पूर्व पीएम को अफगानिस्तान के लोगों के अटूट सहयोगी और दोस्त बताते हुए उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। करजई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि मैं उनके परिवार, सरकार और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने जताया दुख

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी दुख जताया। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह एक दयालु अभिभावक और मालदीव के अच्छे मित्र थे।

रूसी राजदूत ने जताया दुख

इसके साथ ही भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारत और रूस के लिए बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह का योगदान भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों में अतुलनीय था। उनका सौम्य व्यवहार और एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी विशेषज्ञता हमेशा सराही जाती थी।

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