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पंजाब

कंगना के बयान पर भड़के सीएम भगवंत मान, कहा- बीजेपी अपने सांसदों को नियंत्रण में रखे

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चंडीगढ़। किसानों के विरोध में भाजपा सांसद और अभिनेता कंगना रनौत के बयान से देश की सियासत में भूचाल आ गया है। उनके इस बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

भगवंत मान ने कहा कि जनता ने उन्हें (कंगना) मंडी निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को हल करने के लिए एक सांसद के रूप में चुना, न कि बेतुके और निराधार बयान देने के लिए जिससे समाज में अशांति पैदा हो।

पंजाब मुख्यमंत्री ने कहा, यह एक गलत बयान है, एक सांसद को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे किसी को ठेस पहुंचे। बीजेपी का यह कहना कि यह कंगना का निजी बयान है। यह कहना गलत है। पार्टी को भी नियंत्रण रखना चाहिए।

भगवंत मान ने कहा कि अगर आप ऐसा करते हैं बेतुके बयान देते हैं तो स्वाभाविक रूप से गुस्सा आना तय है। इसलिए मैं भाजपा सरकार से कहना चाहूंगा कि वह अपने सांसदों को नियंत्रित करें। किसानों के विरोध के लिए हर तरह के बयान दिए जा रहे हैं यह असहनीय है।

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जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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