उत्तर प्रदेश
गंभीर बीमारियों से पीड़ित प्रदेश के मरीजों के इलाज में सहयोगी बने सीएम योगी
लखनऊ। गंभीर बीमारियों से पीड़ित प्रदेश के मरीजों की चिंता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक अभिभावक तरह कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष ‘संजीवनी’ बन गया है। पश्चिमांचल से लेकर विध्यांचल तक अगर 10 जनपदों की बात की जाए तो कैंसर, हृदय रोग, किडनी प्रत्यारोपण, लीवर प्रत्यारोपण जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मदद के लिए सीएम योगी ने हमेशा हाथ बढ़ाया है। दसों जिलों के आंकड़ों को देखें तो एक तरह से सीएम योगी ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष को बीमारों के लिए समर्पित कर दिया है।
प्रदेश की कमान सम्हालने के बाद सीएम योगी एक अप्रैल 2017 से 13 अगस्त 2024 तक अंबेडकर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, कानपुर शहर, गाजियाबाद, प्रयागराज, मीरजापुर, मुजफ्फर नगर, मुरादाबाद और मैनपुरी के गंभीर बीमारियों से पीड़ित 36,199 लोगों को उपचार के लिए 7,01,27,50,931 रुपए की मदद कर चुके हैं। यही वजह है कि सिर्फ इन 10 जिलों में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में आज गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के परिजनों को न तो दर-दर भटकना पड़ता है और न ही उन्हें उपचार के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता है।
सीएम योगी की मंशा है कि पैसे के अभाव में प्रदेश का कोई गरीब उपचार से वंचित न रह जाए। यह बात वह जनता दर्शन, उच्च अधिकारियों के साथ बैठक समेत सभी सार्वजनिक मंचों से कहते रहते हैं। उनका कहना है कि सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। सरकार प्रदेश के जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की हर समस्या को समझती और उसके निराकरण के लिए दृढ़ संकल्पित है। उनके यह सिर्फ कथ्य ही नहीं तथ्य भी हैं, जो सरकार की तरफ से 10 जनपदों के जारी किए गए आंकड़ों में साफ दिखाई पड़ते हैं।
जनपदवार लाभार्थी एवं निर्गत सहायता धनराशि
जनपदवार आंकड़ों को देखा जाए तो सीएम योगी प्रदेश मरीजों के इलाज में सहयोगी बन गए हैं। इसमें अम्बेडकरनगर में 2,834 लाभार्थियों को 45,71,16,354 रुपए, अयोध्या में 3,611 लाभार्थियों को 61,61,84,829 रुपए, अलीगढ़ में 524 लाभार्थियों को 10,56,26,663 रुपए, कानपुर शहर में 12,053 लाभार्थियों को 2,53,98,94,471 रुपए, गाजियाबाद में 473 लाभार्थियों को 15,59,99,167 रुपए, प्रयागराज में 12,585 लाभार्थियों को 2,40,10,20,940 रुपए, मीरजापुर में 2,508 लाभार्थियों को 41,92,41,997 रुपए, मुजफ्फर नगर में 254 लाभार्थियों को 6,40,34,373 रुपए, मुरादाबाद में 381 लाभार्थियों को 8,94,19,339 रुपए, मैनपुरी में 976 लाभार्थियों को 16,42,12,798 रुपए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सहायता राशि निर्गत की गई है। इस तरह से 10 जनपदों में गंभीर बीमारियों से पीड़ित कुल 36,199 लोगों को उपचार के लिए 7,01,27,50,931 रुपए की मदद की गई है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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