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उत्तर प्रदेश

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर सीएम योगी, नीतीश कुमार, आतिशी, ममता ने जताया दुःख

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गुरुवार को दु:ख जताया।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन अत्यंत दुखद एवं भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों तथा समर्थकों को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मुझे डॉ. मनमोहन सिंह को 1991 से जानने का सौभाग्य मिला है, जब वह असम से पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे। एक ऐसा राज्य, जिसका उन्होंने 28 वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया। डॉ. साहब विनम्रता के प्रतीक थे और वह कभी सत्ता के मोह में नहीं झुके। उनके साथ मेरी सभी बातचीत में उनकी सादगी और शालीनता, उनके बौद्धिक कौशल के साथ हमेशा सामने आई। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मुझे असम से संबंधित मुद्दों पर उनसे बातचीत करने का अवसर मिला और उन्होंने हमेशा हमें धैर्यपूर्वक सुना और सामाजिक मुद्दों के प्रति दृढ़ विश्वास दिखाया। विभाजन के बाद के भारत में साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर राष्ट्र की सेवा की। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान देशभक्त, एक असाधारण विद्वान, एक अपरंपरागत राजनीतिज्ञ और एक बेहतरीन राजनेता खो दिया है।”

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन दुःखद है। वह एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री थे। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए प्रार्थना है।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मनमोहन सिंह के निधन पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आकस्मिक निधन से मैं बहुत स्तब्ध और दुखी हूं। मैंने उनके साथ काम किया था और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें बहुत करीब से देखा था। उनकी विद्वता और बुद्धिमत्ता पर कोई सवाल नहीं था और देश में उनके द्वारा शुरू किए गए वित्तीय सुधारों की गहराई को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। देश को उनकी देखरेख की कमी खलेगी और मुझे उनके स्नेह की कमी खलेगी। उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुःख हुआ। वह अद्वितीय बुद्धि के धनी राजनेता थे, उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने हमारे राष्ट्र पर अमिट छाप छोड़ी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही मैं पहली बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बना। हमारे बजटीय उपायों को लेकर उनके प्रोत्साहन और खाद्य अधिकार अधिनियम जैसी ऐतिहासिक यूपीए नीतियों के प्रभाव ने कर्नाटक की प्रगति और कल्याणकारी पहलों को आकार दिया। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”

दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश ने न केवल एक विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री खो दिया है, बल्कि एक ऐसा नेता भी खो दिया है, जिसकी विद्वता और गरिमा को हमेशा याद रखा जाएगा।”

तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, “हमारे समय के सबसे महान अर्थशास्त्रियों, नेताओं, सुधारकों और सबसे बढ़कर मानवतावादी मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने दिखाया कि कैसे शालीनता और शिष्टता राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन के बहुत जरूरी पहलू हैं। वह एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके निधन से भारत ने एक महान सपूत खो दिया है।”

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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