उत्तर प्रदेश
यूपी में अब अतीत हो गए माफिया और अपराधी, आज भयमुक्त माहौल: सीएम योगी
सहारनपुर। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज नगर निकाय चुनाव का शंखनाद सहारनपुर से किया। उन्होंने सहारनपुर के महाराज सिंह डिग्री कॉलेज मैदान पर जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहारनपुर विकास के पथ पर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज कायम है। प्रदेश की कानून व्यवस्था आज पूरे देश में नजीर बन चुकी है। माफिया और अपराधी अब अतीत हो गए, आज यूपी में भयमुक्त माहौल है।
उन्होंने कहा कि 2017 से पहले की सरकारों को सहारनपुर में दंगा कराने से ही फुर्सत नहीं थी। पहले नौजवानों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते थे। बेटियों को लेकर माता-पिता चिंतित रहते थे, लेकिन आज भाजपा सरकार ने भय मुक्त वातावरण दिया है।
कहा कि 6 वर्ष में 54 लाख से अधिक गरीबों को आवास दिलाया। 2 करोड़ 61 लाख गरीबों को 1-1 शौचालय, 1 करोड़ 75 लाख गरीबों को फ्री रसोई गैस कनेक्शन, 1 करोड़ 55 लाख गरीबों को फ्री बिजली कनेक्शन देने का कार्य डबल इंजन की सरकार ने किया।
प्रदेश के 10 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना, आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 5 लाख रुपए का सालाना बीमा कवर केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें दे रहीं हैं।
विकास के लिए तीसरे इंजन की जरूरत
उन्होंने कहा कि मां शाकंभरी और मां बाला सुंदरी की पावन धरा से मैं आज निकाय चुनाव का शंखनाद करने आया हूं। केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार डबल इंजन से विकास कार्य करा रही है, लेकिन अब शहरों और कस्बों के विकास के लिए तीसरे इंजन की भी जरूरत है।
इसलिए विकास की गति ट्रिपल इंजन से हो इसके लिए निकाय चुनाव में भाजपा के सभी प्रत्याशियों को विजय बनाकर विकास की गति को बढ़ाना होगा।
सहारनपुर में जनसभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी शामली में निकाय चुनाव का शंखनाद करने के लिए पहुंचे। यहां वीवी इंटर कॉलेज में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के के आह्वान पर भाजपा की सरकार बनी और आज पश्चिमी उप्र में कर्फ्यू नहीं लगता आज कांवड़ यात्रा निकलती है।
कहा कि आज दंगा नहीं, गुंडा टैक्स नहीं, बल्कि गुंडा टैक्स वसूली करने वालों की गर्मी शांत हो गई। मैंने कहा कि बेफिक्र होकर काम करिए। मैं माताओं और बहनों का आभारी है जिन्होंने सुरक्षा की गारंटी की बात पर कमल के फूल पर मतदान किया। 10 मार्च 2022 को जब ईवीएम खोलेंगे तो कमल ही कमल नजर आएगा।
मैंने कहा थी गर्मी शांत हो जाएगी, वैसे भी मौसम बहुत सुहावना हो गया है। गुंडा टैक्स वसूली करने वाले न जाने कहा चले गए कोई नहीं जानता। कोई आंसू बहाने वाला थी नहीं है। आज कांधला, कैराना की रौनक अलग ही नजर आती है।
पहले होती थी गुंडा टैक्स की वसूली
सीएम योगी ने कहा कि याद करिए पहले शामली की क्या स्थिती रहती थी। कैराना से व्यापारियों का पलायान, नौजवानों को रोजगार नहीं थी। व्यापार पर जबरन गुंडा टैक्स की वसूली होती थी। और बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थी।
आज कर्फ्यू नहीं लगता, कांवड़ यात्रा निकलती है
उन्होंने कहा पीएम मोदी के आह्वान पर भाजपा की सरकार बनी और आज पश्चिमी उप्र में कर्फ्यू नहीं लगता आज कांवड़ यात्रा निकलती है। आज दंगा नहीं, गुंडा टैक्स नहीं, बल्कि गुंडा टैक्स वसूली करने वालों की गर्मी शांत हो गई।
सीएम योगी ने कहा मैंने कहा कि बेफिक्र होकर काम करिए। मैं माताओं और बहनों का आभारी है जिन्होंने सुरक्षा की गारंटी की बात पर कमल के फूल पर मतदान किया। मैंने कहा था कि 10 मार्च 2022 को जब ईवीएम खोलेंगे तो कमल ही कमल नजर आएगा।
इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ खेड़ी बैरागी में नाथ संप्रदाय के मंदिर में बाबा न्यादर दास की 121वीं जयंती कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। प्रशासन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गया है। डीएम-एसपी ने दोनों हेलीपैड का दौरा कर अधीनस्थों को दिशा-निर्देश दिए।
खेड़ी बैरागी में कार्यक्रम में शामिल होने से पहले सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘वैदिक कालीन स्मृतियों को संजोए जनपद सहारनपुर, शामली एवं अमरोहा के पुरुषार्थी और राष्ट्रवादी जन के मध्य आज मुझे आने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। ऐसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उर्वर वसुधा के विकासवादी, उद्यमशील एवं रचनाधर्मी मानस से संवाद हेतु मैं अत्यंत उत्सुक हूं।’
बाबा शेरनाथ ने दिया था मुख्यमंत्री को निमंत्रण
खेड़ी बैरागी में तपोभूमि समाधि स्थल पर बाबा न्यादरदास की जयंती हर वर्ष 24 अप्रैल को मनाई जाती है। योगी रोहताश ने बताया कि बाबा शेरनाथ ने मुख्यमंत्री को कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था। जयंती प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाई जाती है। जिसमें ग्रामीण बढ़-चढ़कर सहयोग करते हैं।
भंडारे के लिए रसगुल्ले किए गए तैयार
बाबा न्यादर दास की जयंती पर भंडारे के लिए पिछले कई दिन से तैयारी चल रही हैं। रविवार को रसगुल्ले बनाए गए। भंडारे में पूरी और सब्जी का प्रसाद नाथ संप्रदाय के संत और ग्रामीण ग्रहण करेंगे।
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन
महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।
महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।
महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान
महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।
प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम
दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।
महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार
महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।
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