Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति को आत्मनिर्भर बना रही सीएम योगी की ‘विद्युत सखी योजना’

Published

on

Loading

लखनऊ| उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रामनगर विकास खंड स्थित सिलौटा गांव की विद्युत सखी राजश्री शुक्ला ने न केवल विद्युत सखी योजना से जुड़कर अपने परिवार की आय बढ़ाई, बल्कि प्रदेश की अन्य महिलाओं के लिए एक मिशाल भी बनीं। वह खुद तो स्वावलंबी बनी हीं, साथ में गांव की अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं और योगी सरकारी की योजनाओं के बारे में लोगों को बता रही हैं। वह अपने साथ ही ग्रामीण जीवन में भी बदलाव ला रही हैं। साथ ही बिजली सखी के रूप में घर-घर जाकर बिजली बिल जमा करके ग्रामीणों को बिलों का भुगतान करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने के बोझ से छुटकारा दिला रही हैं।

जुलाई-24 में प्रदेश में शीर्ष दस सबसे अधिक कमीशन अर्जित करने वाली बीसी सखियों में अपना नाम दर्ज कराया

राजश्री शुक्ला ने बताया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर बिजली का बिल जमा करती हैं, जिससे ग्रामीणों का समय तो बचता ही है, साथ ही लंबी लाइन से उन्हे छुटकारा भी मिल जाता है। राजश्री शुक्ला ने बताया कि वह 50,000 रुपए से अधिक कमीशन प्रतिमाह कमा रही हैं। उन्होंने जुलाई-24 में 81,900 रुपये का कमीशन अर्जित कर प्रदेश की दस सबसे अधिक कमीशन अर्जित करने वाली बिजली सखियों में अपना नाम दर्ज कराया है। वह बताती हैं कि वह स्वयं सहायता समूह के जरिए विद्युत सखी बनी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकिंग सखी की तर्ज पर हम लोगों को बिजली सखी से जोड़कर हमारे जीवन को खुशहाल बना दिया है। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद देती हूं। आज मैं बिजली का बिल जमा कराकर उससे मिलने वाले कमीशन से अपने परिवार का बखूबी ख्याल रख रही हूं। इससे मेरी और मेरे परिवार की आय में वृद्धि हुई है।

30 हजार से अधिक महिलाएं बिजली सखी के लिए चयनित

उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का सीएम योगी का प्रयास रंग लाने लगा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि महिला स्वावलंबन के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर नारी शक्ति प्रदेश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। इसी क्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 10,500 से अधिक विद्युत सखियों ने 1120 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल जमा कराकर 14.6 करोड़ रुपये कमीशन प्राप्त कर अपना और परिवार का जीवन रौशन किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक स्वयं सहायता समूह के जरिये 30,000 महिलाओं को चयनित किया जा चुका है, जिसमें से 10,500 से अधिक विद्युत सखियां पहले से ही पूरे प्रदेश में कार्य शुरू कर दिया है। यह ग्रामीण और शहरी इलाकों में मीटर रीडिंग और बिजली के बिल का कलेक्शन कर रही हैं। इसके लिए उन्हे विद्युत सखी ऐप उपलब्ध कराया गया है, जिसमें वह लॉगिन करके बिजली बिल बनाकर उसका कलेक्शन करती हैं और ऐप के जरिए ही यूपीपीसीएल को बिल का भुगतान करती हैं।

ऐप के जरिये ही प्राप्त हो जाता है कमीशन

बिल का भुगतान करते ही उनका कमीशन भी ऐप पर तुरंत आ जाता है। ऐसे में उन्हे विद्युत उपकेंद्र तक भी नहीं जाना होता है। इस योजना से जुड़ने के लिए विद्युत सखी को पहली बार एेप पर 30 हजार रुपये का रिचार्ज करना होता है। इसके लिए स्वयं सहायता समूह के जरिए 30 हजार रुपये 4 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है। पहली बार रिचार्ज कराने के बाद विद्युत सखी दोबारा अपने अनुसार रिचार्ज कर अपना काम करती हैं।

प्रतिमाह 8 हजार रुपए तक कमा रहीं बिजली सखी

मिशन निदेशक ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में दो हजार तक के प्रति बिजली बिल के भुगतान पर विद्युत सखी को 20 रुपये दिए जाते हैं, जबकि दो हजार रुपये से अधिक के प्रति बिजली बिल के भुगतान पर 1 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। वहीं शहरी क्षेत्रों में तीन हजार तक के प्रति बिजली बिल भुगतान पर 12 रुपये और तीन हजार रुपये से ज्यादा के बिजली बिल भुगतान पर .4 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। इससे बिजली सखी हर माह करीब 6 से 8 हजार रुपये कमा रही हैं।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

Published

on

Loading

महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

Continue Reading

Trending