उत्तर प्रदेश
मुजफ्फरनगर में मदरसों को बंद करने व 10 हजार रुपये प्रतिदिन जुर्माने का कांग्रेस ने किया विरोध
बरेली। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मदरसों को असंवैधानिक रूप से बंद करने व जुर्माना लगाने के विरोध में जिला काँग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग बरेली के जिला अध्यक्ष कमर ग़नी ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी कार्यालय में एसडीएम को सौपा।
कांग्रेस नेता कमर ग़नी ने कहा कि मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने 12 मदरसों को नोटिस भेजा कि अगर वे तुरंत बंद नहीं हुए तो प्रति दिन 10,000 रुपये का शुल्क लिया जायेगा। शिक्षा विभाग सहित किसी को भी मदरसा मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। केवल अल्पसंख्यक विभाग ही ऐसा कर सकता है।
उन्होंने कहा मदरसे आम स्कूलों की तरह नहीं हैं। इसलिए मदरसों के लिए अलग नियम बनाए गए हैं। स्कूलों की तरह जुर्माना प्रक्रिया मदरसों पर लागू नहीं की जा सकती। 1995 में मदरसों को स्कूलों के नियम और विनियमों से अलग कर दिया गया था। शिक्षा विभाग द्वारा गैरकानूनी नोटिस के जरिए मदरसों की निशाना बनाया जा रहा है।
कमर ग़नी ने कहा मुजफ्फरनगर में ये नोटिस एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने के लिए हैं। स्कूल पंजीकरण नियम इस्लामिक मदरसों या अन्य धार्मिक संस्थानों पर लागू नहीं होता है। कई मदरसों को ऐसे नोटिस मिले हैं जिनमे मदरसों को तत्काल प्रभाव से बंद करने तथा बन्द न करने पर 10,000 रुपए प्रतिदिन जुर्माने का आदेश है जो असंवैधानिक है।
यूपी में लगभग 25,000 मदरसे हैं और 16,500 से अधिक मदरसे यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। जो मदरसे मान्यता प्राप्त नहीं है उनको मान्यता प्रदान की जाये। ज्ञापन देने वालो में अवनीश बक्शी, आफताब आलम, कमाल, वारिस, दानिश अंसारी, मोहम्मद जैदी आदि शामिल रहे।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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