प्रादेशिक
मेरे खिलाफ हो रही साजिश, चार्जशीट में जोड़ा जा सकता है नाम: तेजस्वी यादव
पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है। चार्जशीट में अभी नाम नहीं है, लेकिन सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मेरा भी नाम जोड़ा जा सकता है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव की मां राबड़ी देवी से ईडी की पूछताछ को लेकर पूछे गए सवाल के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की।
तेजस्वी यादव ने कहा, ”इसमें आश्चर्य वाली क्या बात है। कर्नाटक चुनाव खत्म हो चुका है। भाजपा के लोग साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा बिहार से डरे हुए हैं। उसी को लेकर ये लोग कार्रवाई कर रहे हैं। अभी मेरा चार्जशीट में नाम नहीं है, लेकिन हो सकता है सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दें और उसमें मेरा भी नाम जोड़ दें।”
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बात महागठबंधन की सरकार बनी, तभी से पता थी कि अब भाजपा चुप नहीं बैठेगी। अब तक एजेंसियों ने कितनी बार कार्रवाई की, इसका रिकॉर्ड एजेंसियों के पास भी नहीं होगा, लेकिन उन्हें आज तक कुछ मिला क्या?
ED से पहले CBI कर चुकी पूछताछ
रेलवे घोटाला यानी नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में ईडी ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से गुरुवार को पूछताछ की। राबड़ी देवी गुरुवार को करीब 11.30 बजे ईडी ऑफिस पहुंची। उन्होंने इस मामले में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराया। इससे पहले इसी मामले में सीबीआई ने राबड़ी देवी से पूछताछ की थी। इसी मामले में पहले ही ईडी तेजस्वी यादव और मीसा भारती से भी पूछताछ कर चुकी है।
इससे पहले नौकरी के बदले जमीन मामले की जांच के क्रम में सीबीआइ ने लालू परिवार के सभी सदस्यों के नाम से खरीदी गई संपत्ति का ब्योरा मांगा है, जिसमें लालू परिवार को साल 2004 से 2009 तक का संपत्ति ब्यौरा देना होगा। इसमें उनके बेटी और दामाद भी शामिल हैं।
बता दें कि साल 2004 से साल 2009 तक तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद, मंत्री तेजप्रताप एवं मीसा भारती समेत लालू की सभी सात बेटियों के नाम से खरीदी, गिफ्ट की गई या लीज पर दी गई अचल संपत्ति का विवरण मांगा गया है।
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला?
नौकरी के बदले जमीन लेने का मामला रेलवे भर्ती से जुड़ा है। आरोप है कि लालू यादव ने साल 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले लोगों को नौकरी दी। आरोपों के अनुसार, लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए ही बिना कोई विज्ञापन जारी किए, रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की थी।
इसके बदले लोगों को जमीन देनी पड़ी। इसके तहत लोगों को जबलपुर, मुंबई, छत्तीसगढ़ और जयपुर आदि जगहों पर लगाया गया था। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव और उनके परिवार पर केस दर्ज किया है। सीबीआई के अनुसार, लालू यादव ने पत्नी राबड़ी और बेटियों सहित कई परिजनों के नाम पर लोगों से प्लॉट लिया।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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