प्रादेशिक
यूपी में 04 करोड़ से अधिक आबादी को लग गई वैक्सीन की दोनों डोज, 45 जिलों में एक भी कोरोना केस नहीं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 04 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड टीके की दोनों डोज लग चुकी है, जबकि 70 फीसदी से अधिक लोगों ने कम से कम एक डोज लगवा ली है। ट्रेस, टेस्ट और टीकाकरण की बेहतर रणनीति के लिए देश-दुनिया में सराहे जा रहा उत्तर प्रदेश अब तक 08 करोड़ 58 लाख से अधिक टेस्ट और 14 करोड़ 37 लाख कोविड टीके लगाकर देश में शीर्ष स्थान पर है।
यही नहीं, यूपी एकमात्र राज्य है जहां 04 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीकाकरण को और तेज करने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय और दैनिक मॉनीटरिंग पर जोर दिया है।
प्रदेश में 18 वर्ष की उम्र से अधिक के कुल 14 करोड़ 74 लाख लोगों में से अब तक 10 करोड़ 33 लाख से अधिक लोगों ने पहली खुराक पा ली है, जबकि 04 करोड़ 04 लाख से अधिक लोगों ने दोनों डोज ले ली है। टीकाकरण की देशव्यापी स्थिति को देखें तो यूपी पहले पायदान पर बना हुआ है।
दूसरे स्थान पर 10.46 करोड़ डोज लगाकर महाराष्ट्र है, जबकि पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और गुजरात, क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीकाकरण को और तेज करने की जरूरत बताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों पर खास फोकस करने के निर्देश दिए हैं।
45 जिले कोविड मुक्त, एक्टिव केस महज 95: प्रदेश में कोरोना महामारी काबू में है। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत 24 घंटे में हुई 01 लाख 49 हजार 918 सैम्पल की टेस्टिंग में 75 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया। गौतमबुद्ध नगर में 02, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, जालौन और मीरजापुर में 1-1 और नए संक्रमित मिले।
इसी अवधि में 10 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 95 रह गई है, जबकि 16 लाख 87 हजार 290 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। ताजा स्थिति के मुताबिक आगरा, अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, चित्रकूट, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हाथरस, जौनपुर, कानपुर नगर, कासगंज, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रामपुर, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी जिलों में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।
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सर्वाधिक टीकाकरण वाले शीर्ष 05 राज्य
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राज्य—————टीकाकरण
1- उत्तर प्रदेश – 14.37 करोड़
2- महाराष्ट्र – 10.46 करोड़
3- पश्चिम बंगाल – 08.58 करोड़
4- मध्य प्रदेश – 07.75 करोड़
5- गुजरात – 07.56 करोड़
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार में तेज होती गई गोरखपुर की औद्योगिक रफ्तार
गोरखपुर। गोरखपुर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की स्थापना तो 35 वर्ष पूर्व हो गई थी लेकिन इस प्राधिकरण के गठन का मकसद योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीते सात सालों से ही पूरा होता दिखाई दे रहा है। योगी सरकार में गीडा को केंद्रित कर गोरखपुर में औद्योगिक विकास की रफ्तार साल दर साल तेज होती दिख रही है। 30 नवंबर को गीडा के 35वें स्थापना दिवस पर इस रफ्तार की एक नई बानगी देखने को मिलेगी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 88 नए औद्योगिक भूखंडों का आवंटन कर 1286 करोड़ रुपये के निवेश और 5200 लोगों के रोजगार का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
जिस गीडा क्षेत्र में 2017 के पहले तक लचर कानून व्यवस्था, सुविधाओं के घोर अभाव और सरकारों के उदासीन रवैये से निवेश दूर की कौड़ी लगती थी। अब उसी गीडा में योगी सरकार में निवेश की बहार है। जहां यूनिट लगाने से उद्यमी कतराते थे वहां अब हर साल उद्योगों की श्रृंखला खड़ी हो रही है। उद्यमियों और उनकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी, इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियों के साथ समय-समय पर खुद उद्यमियों के बीच मुख्यमंत्री के होने से औद्योगिक माहौल बेहतर होता गया और नोएडा की तरह गीडा भी निवेश के लिए लिए बेहतरीन गंतव्य बन गया है।
इंडस्ट्री और गोरखपुर के बीच दशकों तक विरोधाभासी रिश्ता बना रहा लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सात साल में माहौल ऐसा बदला कि अब दोनों एक दूसरे के पूरक रूप में देखे जा रहे हैं। जिस गोरखपुर में स्थानीय पूंजीपति भी औद्योगिक निवेश करने से घबराते थे, अब वहां देश की नामी कम्पनियों के आने की होड़ सी दिखती है। निवेश के लिए भूखंडों की डिमांड बढ़ी तो स्वाभाविक तौर पर गीडा ने अपना लैंड बैंक भी मजबूत किया। पिछले एक साल में (31 अक्टूबर 2024 तक) गीडा ने 501.68 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। यह गत वर्ष की तुलना में दोगुना है। वर्ष 2023-24 में गीडा ने 250.46 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। जमीन की मांग और उसी के सापेक्ष अधिग्रहण की बढ़ती रफ्तार यह बताती है कि गीडा पूर्वांचल के बड़े औद्योगिक हब के रूप में तेजी से आकार ले रहा है।
बीते कुछ सालों में यहां मल्टीनेशनल समेत कई ऐसी बड़ी यूनिट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ जो तीन दशक पहले तक सिर्फ कल्पनाओं की बात होती थीं। गीडा में पेप्सिको की बॉटलिंग प्लांट, सीपी मिल्क (ज्ञान डेयरी), तत्वा प्लास्टिक, गैलेंट समूह और अंकुर उद्योग के यूनिट्स उत्पादनरत हैं तो सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन का भंडारण गृह भी बनकर तैयार है। इसके अलावा केयान डिस्टिलरी समेत कई बड़ी यूनिट्स निर्माणाधीन हैं। गीडा में अपनी यूनिट लगाने के लिए कोका कोला, बिसलेरी, अडानी और जेके ग्रुप ( सीमेंट फैक्ट्री के लिए) जैसे बड़े औद्योगिक घरानों ने भी जमीन की मांग की है।
गोरखपुर में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए सीएम योगी गीडा के 35वें स्थापना दिवस समारोह में नए भूखंडों का आवंटन पत्र उद्यमियों को सौंपेंगे। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक बताती हैं कि गत एक वर्ष में गीडा द्वारा आवंटित 88 भूखंडों पर कुल 1286 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इसमें जिन प्रमुख इकाइयों के लिए जमीनों का आवंटन किया गया है उनमें एपीएल अपोलो ट्यूब्स लिमिटेड, एसएलएमजी पीईटी प्लांट, कपिला कृषि उद्योग, आईसन एयर कूलर, टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, मॉडर्न पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, नोवामैक्स इंडस्ट्रीज व होटल नीलकंठ ग्रैंड शामिल हैं। इन उद्योगों को करीब 3500 वर्गमीटर से लेकर 72000 वर्गमीटर तक के भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें 50 करोड़ से लेकर 320 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावित हैं। गीडा के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़ी 123 करोड़ रुपये के कार्यों का शिलान्यास तथा 86 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही वह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाने के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर इंटीग्रेट होने वाली गीडा की 20 सुविधाओं का शुभारंभ भी करेंगे।
निवेश का इको सिस्टम बनाने में कनेक्टिविटी की बड़ी भूमिका
गीडा में निवेश का इको सिस्टम बनाने में रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लंबे दौर तक पहचान को जूझता रहा यह क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी के मामले में मजबूत होकर औद्योगिक नक्शे पर चमक गया है। बेहतर कनेक्टिविटी के साथ गीडा में 25 एकड़ में गारमेंट पार्क, 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित हो रहा है तो 34 करोड रुपये की लागत से फ्लैटेड फैक्ट्री भी बन रही है। गीडा की तरफ से प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर-28 में 88 एकड़ विकसित किया गया है। यहां प्लास्टिक उद्योग की 92 इकाइयों के लिये स्थान एवं समस्त आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होगी। इसमें लगभग 5000 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा सरकार 5500 एकड़ में धुरियापार में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बना रही है।
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