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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना वायरस को लेकर WHO ने दी बुरी खबर, जानकर नहीं होगा यकीन!

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नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से निकलकर कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। इस वायरस से अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश है जो इस वायरस से अछूता हो।

कई देशों के वैज्ञानिक इस वायरस की वैक्सीन खोजने में जुटे हैं लेकिन अभी तक किसे भी देश के हाथ कामयाबी नहीं लगी है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को लेकर एक ऐसी जानकारी दी है जो लोगों को निरास कर सकती है।

डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा है कि यह अनुमान लगाना कठिन है कि वैश्विक स्तर पर फैली कोविड-19 महामारी कब खत्म होगी, लेकिन देशों को इस बारे में सकारात्मक रहना चाहिए और वायरस पर काबू पाने के प्रयास में सहयोग करना चाहिए, ताकि ये आगे न फैले।

डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान के मुताबिक “हमारे सामने पहली बार मानव आबादी में प्रवेश करने वाला एक नया वायरस है, और इस पर भविष्यवाणी करना बहुत कठिन है।” बुधवार को रयान ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही थी।

रयान ने कहा, “मुझे लगता है कि इसे मेज पर रखना महत्वपूर्ण है। यह वायरस हमारे समुदायों में एक स्थायी वायरस बन सकता है और हो सकता है कि यह वायरस कभी दूर न जाए।”

“यह महत्वपूर्ण है कि हम यथार्थवादी हों और मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह भविष्यवाणी कर सकता है कि यह बीमारी कब और कैसे जाएगी।”

उन्होंने कहा, “महामारी को लेकर भविष्य के लिए आशा रखें”, यह “दुनिया के लिए एक बड़ा अवसर” है और दुनिया को “एकजुटता के माध्यम से, हमारी समस्याओं को हल करने के लिए विश्वास के साथ एक साथ काम करें।”

डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 के तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा, “हमने देशों को इस वायरस को नियंत्रण में लाते देखा है, हमने देखा है कि देशों ने इस पर नियंत्रण करने और एक पर्याप्त स्तर तक संचरण को दबाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का उपयोग किया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी विज्ञान के बुनियादी ढांचे और क्लीनिकल देखभाल का उपयोग किया है, ताकि वायरस को कम किया जा सके।”

गुरुवार सुबह तक, वैश्विक स्तर पर कोविड-19 मामलों की कुल संख्या 4,347,015 थी, जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 297,197 हो गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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